डॉ दिलीप अग्निहोत्री
कोरोना संकट और लॉक डाउन का अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव स्वभाविक है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिकरण की दिशा में भी कारगर प्रयास किये है। इन्वेस्टर्स समिट में मिले हजारों करोड़ रुपये के प्रस्तावों का शिलान्यास भी किया गया था।
इस समय योगी की प्राथमिकता कोरोना आपदा की मुकाबला करना है। इस संबद्ध में उनके कार्यों की राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हो रही है।
इसी के साथ योगी भविष्य की तैयारियों पर भी नजर बनाए हुए है। इसके मद्देनजर उन्होने संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों को निर्देश जारी किए है। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना और सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनको निवेश हेतु विभिन्न देशों के दूतावासों से सम्पर्क करने के निर्देश दिए गए। आर्थिक सलाहकार इस संबन्ध में कार्य योजना तैयार करेंगे। योगी सकारात्मक सोच के साथ परिस्थितियों का मुकाबला कर रहे है। उनका मानना है कि लाॅक डाउन प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती के साथ अवसर भी है। चुनौती को अवसर में बदलने के लिए अभी से प्रयास होने चाहिए।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने व निवेश आकर्षित करने के सभी संभव प्रयास किये जायेंगे। योगी ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को इस वर्ष के अन्त तक तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे को अगले वर्ष के अन्त तक संचालित किए जाने की योजना है। लाॅक डाउन में भी आवश्यक वस्तुओं से जुड़ी औद्योगिक इकाइयों को चरणबद्ध तरीके से संचालित किया जा रहा है।
चीनी मिलों को भी बन्द नहीं किया गया है। शर्तों के साथ औद्योगिक इकाइयों के संचालन की अनुमति दी गई है। जिन इकाइयों में बाउंड्री वाल, कर्मचारियों के रहने खाने की व्यवस्था परिसर में हो, उनको चलाने की अनुमति दी जा रही है। इनके संचालन में लॉक डाउन के नियमों का पालन किया जाएगा।