लखनऊ।(आरएनएस )उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दारुलशफा विधायक निवास की दीवारों पर विवादित पोस्टर लगाए जाने से हड़कंप मच गया। शासन और प्रशासन के विवादित पोस्टों को देखकर हाथ और पांव फूल गए। आनन-फानन में विवादित पोस्टर को पुलिस ने दीवारों से हटाने का काम शुरू किया।
इन्स्पेक्टर हजरतगंज अंजनी कुमार पांडेय ने कहा कि पोस्टर लगाने वाले की तलाश शुरू हो गई है। पोस्टर समाजवादी छात्रसभा की तरफ से लगाए गए है। पुलिस पोस्टर लगाने वाले की तलाश के लिए सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है।
बता दें कि एक फिर राजधानी लखनऊ के दारुल सफा के विधायक निवास की दीवारों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कई के बड़े मंत्रियों का विवादित पोस्टर लगाए गए। पोस्टरों में ब्राह्मणों पर हो रहे अत्याचार को सीएम सहित अन्य नेताओं के कार्टूनों के जरिये दर्शाया गया है। पोस्टर में ब्राह्मणों पर फरसे से मुख्यमंत्री योगी द्वारा हमला, उनके पीछे केशव प्रसाद मौर्य के साथ बीजेपी के कई नेता का फोटो लगाया गया है। पोस्टर में ‘बेटी बचाओ’-‘भाजपा भगाओ’, बंद करो ब्राह्मणों पर अत्याचार, ना भ्रष्टाचार ना गुंडाराज अबकी बार अखिलेश सरकार जैसे स्लोगन लिखे गए हैं। पोस्टर में डॉ. और करोना पेशेंट को दर्शाते हुए लिखा गया है कि करोना महामारी की आड़ में धन उगाही हो रही है। पोस्टर में नीचे समाजवादी पार्टी प्रदेश सचिव छात्र सभा विकास यादव का फोटो और नाम लिखा है। मुख्यमंत्री का विवादित पोस्टर और भगवान परशुराम की फ़ोटो के साथ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को ब्राह्मणों का रक्षक दिखाया गया है। फ़िलहाल विवादित पोस्टरों से हड़कंप मचा हुआ है।