इस खिलाड़ी का नाम इंग्लैंड दौरे के लिए आने से विवाद आया सामने, चयनकर्ता नहीं राजी-सूत्र | Cricket Latest Update

इंग्लैंड में भारतीय टीम प्रबंधन युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ और देवदत्त पडीक्कल को टीम में रखना चाहता था। सवाल उठ रहे हैं कि क्या चयनसमिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा भी ऐसा चाहते थे? सवाल यह भी उठ रहे हैं कि बंगाल के सलामी बल्लेबाज अभिमन्यु मिथुन को 2019-20 के रणजी सत्र में लचर प्रदर्शन करने और भारत-ए के न्यूजीलैंड दौरे में भी रन नहीं बनाने के बावजूद इंग्लैंड गई टीम में कैसे स्टैंडबाई रखा गया? गिल की चोट की स्थिति जानने के बावजूद माना जा रहा है कि शर्मा ने टीम प्रबंधन के अनुरोध पर खास ध्यान नहीं दिया। अब देखना यह है कि क्या टीम प्रबंधन शा और पडीक्कल को भेजने के लिए बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह से औपचारिक अनुरोध करता है। शाह चयनसमिति के संयोजक भी हैं।

Prithvi Shaw Should Not Be Sent To England Now, Says Kapil Dev On  Cricketnmore

सूत्र ने कहा, ‘शा और पडीक्कल को भेजने के लिए बीसीसीआइ अध्यक्ष को अभी तक औपचारिक अनुरोध नहीं मिला है। ये दोनों बल्लेबाज अभी सीमित ओवरों की सीरीज के लिए श्रीलंका में हैं, लेकिन 26 जुलाई को यह दौरा समाप्त होने के बाद दोनों इंग्लैंड जा सकते हैं। लेकिन, मुझे लगता है कि टीम प्रबंधन उन्हें पहले टीम में जोड़ना चाहता है।’

असल में शर्मा ने यदि पिछले महीने टीम प्रबंधन के अनुरोध पर गौर किया होता तो पृथ्वी और पडीक्कल अभ्यास मैच के लिए सही समय पर इंग्लैंड पहुंच सकते थे। क्या टीम प्रबंधन ने विशेषकर पृथ्वी को भेजने के लिए कहा है। इस सवाल पर सूत्र ने कहा, ‘उन्हें आधिकारिक मेल करने दो और फिर उसे आगे बढ़ाया जा सकता है। इंग्लैंड दौरे पर 23 खिलाड़ी गए हैं और यदि हम ईश्वरन को नहीं भी गिनते तब भी उनके पास तीन विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज हैं।’

इसमें कोई दो राय नहीं कि ईश्वरन टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए तैयार नहीं थे तथा पृथ्वी और पडीक्कल जैसे खिलाड़ियों पर उन्हें प्राथमिकता देने से कई लोगों की भौंहे तन गई हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के एक सूत्र ने कहा, ‘शुभमन गिल चोटिल होने के कारण इंग्लैंड के पूरे दौरे से बाहर हो गए हैं। उन्हें फिट होने में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा। पिछले महीने टीम के प्रशासनिक प्रबंधक ने पूर्व तेज गेंदबाज चेतन शर्मा को पत्र भेजकर दो अन्य सलामी बल्लेबाजों को ब्रिटेन भेजने के लिए कहा था।’

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