कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधि मंडल ने की राहुल गांधी से मुलाकात | LATEST NEWS

Kashmiri Pandit delegation meets Rahul Gandhi, says he is likely to visit  their township in Jammu - The Hindu

सांबा/जम्मू (आरएनएस) @incindia। प्रवासी कश्मीरी पंडितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को ‘भारत जोड़ो यात्राÓ के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सांबा जिले में मुलाकात की और आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्या किए जाने एवं प्रधानमंत्री पैकेज के तहत रोजगार पाने वाले लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध सहित अपने विभिन्न मुद्दों को लेकर उनसे बातचीत की | प्रतिनिधिमंडल के सदस्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता अमित कौल ने कहा कि उन्होंने गांधी को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के पास अपनी जगती बस्ती में आमंत्रित किया है और कश्मीर जाते समय वह रास्ते में समुदाय के सदस्यों से संभवत: मिलने आएंगे. कौल ने कहा कि गांधी के साथ हमारी बहुत अच्छी बातचीत हुई और हमने उन्हें समुदाय के मुद्दों, विशेष रूप से प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कार्यरत उन कर्मचारियों की समस्याओं के बारे में बताया,

जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली पिछली संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार ने नौकरी दी थी. वे पिछले छह महीनों से विरोध कर रहे हैं और उनका वेतन रोक दिया गया है. वर्ष 2008 में घोषित प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नियुक्त लगभग 4,000 प्रवासी कश्मीरी पंडित घाटी में विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं. इस पैकेज के दो घटक हैं– समुदाय के युवाओं के लिए छह हजार नौकरियां और भर्ती कर्मचारियों के लिए अधिक से अधिक आवासीय इकाइयां बनाना. आतंकवादियों ने पिछले साल 12 मई को बडगाम जिले में राहुल भट नाम के एक कश्मीरी पंडित की उसके कार्यालय के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद कई कर्मचारी जम्मू छोड़ कर चले गए थे. इस घटना को लक्षित हत्या का मामला बताया गया था. कई कर्मचारी उन्हें घाटी से बाहर स्थानांतरित करने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं कौल ने कहा कि हमने राहत बढ़ाने की आवश्यकता सहित समुदाय के अन्य मुद्दों को भी उठाया. हमने उनसे (राहुल गांधी से) हमारी बस्ती जगती आने या अपना एक प्रतिनिधिमंडल वहां भेजने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि वह स्वयं जगती आएंगे और संसद के भीतर एवं बाहर उनके मुद्दों को उठाएंगे.

समुदाय के एक अन्य सदस्य जितेंद्र काचरू ने कहा कि वह प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ गांधी से मिलने के लिए उत्तर प्रदेश से आए हैं, जहां वह कश्मीर से पलायन करने के बाद बस गए हैं. काचरू ने कहा कि वह (गांधी) बहुत अच्छे और अत्यंत सरल व्यक्ति हैं. उन्होंने हमारी समस्याओं को धैर्य से सुना और यह बात दिल को छू लेने वाली है कि उनके पास हमारी बात सुनने का समय था. उन्होंने कहा कि शुरू में उनसे 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को मिलना था, लेकिन कई और लोग उनके साथ शामिल हो गए. काचरू ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए समुदाय का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे वास्तव में कश्मीरी पंडितों की समस्याओं को हल नहीं करना चाहते, क्योंकि उनके लिए धर्म के आधार पर नफरत फैलाना एक राजनीतिक एजेंडा है. उन्होंने कहा कि हम – मुस्लिम और हिंदू दोनों – कश्मीर में एक साथ रहते थे, क्योंकि हमारी संस्कृति, पहनावा और यहां तक कि उपनाम भी एक जैसे हैं. (आतंकवादी घटनाएं बढऩे और समुदाय के पलायन से पहले) इस तरह का माहौल कभी नहीं था और हम सभी साथ रह रहे थे.

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