नई दिल्ली, विदेश मंत्री एस जयशंकर आखिरकार भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। जयशंकर ने कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में आज औपचारिक तौर पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। 64 वर्षीय जयशंकर 2013 से 2015 तक अमेरिका में भारत के राजदूत रहे। उन्हें एक ऐसे कुशल राजनयिक और वार्ताकार के तौर पर जाना जाता है।
बता दें कि मोदी कैबिनेट में शामिल हुए पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर ने सभी को चौंका दिया था। यह वो नाम था जिसका मीडिया में भी जिक्र शपथ ग्रहण समारोह से पहले नहीं हुआ था। जयशंकर को मंत्री बनाना ही महज चौंकाने वाला नहीं था, बल्कि पहली ही बार में वह दूसरे मंत्रियों पर भारी पड़े। उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया है। एस जयशंकर को पीएम नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। इसके अलावा वह चीन के एक्सपर्ट भी मानें जाते हैं। वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने देश की कमान पहली बार संभाली थी तब खासतौर पर उन्हें विदेश सचिव बनाया गया था। आपको बता दें कि जयशंकर अमेरिका, चीन समेत आसियान के विभिन्न देशों के साथ हुई कई कूटनीतिक बातचीत का हिस्सा रह चुके हैं। इन्हें मोदी के करीबी और चीन एक्सपर्ट के रूप में जाना जाता है।
जयशंकर हमेशा से ही पीएम मोदी की पसंद रहे हैं। जहां तक इन दोनों की पहचान की बात है तो यह मोदी के प्रधानमंत्री पद संभालने से पहले से है। इसकी शुरुआत चीन से हुई थी। वर्ष 2012 में नरेंद्र मोदी बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री चीन के दौरे पर गए थे। इस दौरान जयशंकर वहां पर भारतीय राजदूत के तौर पर तैनात थे। वह यहां 2009 से 2013 तक भारतीय राजदूत के पद पर रहे।
जयशंकर ने विदेश सचिव के रूप में अमेरिका, चीन समेत बाकी देशों के साथ भी महत्वपूर्ण वार्ताओं में हिस्सा लिया। चीन के साथ 73 दिन तक चले डोकलाम विवाद को सुलझाने में भी जयशंकर का अहम रोल निभाया था।इससे पहले 2010 में चीन द्वारा जम्मू कश्मीर के लोगों को स्टेपल वीजा दिया जाता था। इस पॉलिसी को बदलवाने में भी जयशंकर का अहम रोल रहा।