नई दिल्ली ,28 दिसंबर भारत ने चीन पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सभी विमान कंपनियों ने से अनौपचारिक रूप से कहा है
कि वो किसी भी चीनी नागरिक को देश में न लाएं। भारत का ये कदम चीन द्वारा उठाए कदम के बाद लिया गया है,
जिसमें चीन ने भारतीयों को अपने देश में आने से रोक दिया है। चीन ने नवंबर के महीने में ये फैसला किया था।
चीन नागरिक पहले इन देशों में आते हैं, फिर वहां से भारत के लिए यात्रा करते हैं। पिछले एक हफ्ते में, भारतीय और विदेशी दोनों एयरलाइनों को विशेष रूप से कहा गया है
कि वे चीनी नागरिकों को भारत लेकर न आएं।
फिलहाल भारत में पर्यटक वीजा निलंबित है, लेकिन विदेशियों को काम और गैर-पर्यटक वीजा की कुछ अन्य श्रेणियों में भारत यात्रा करने की अनुमति है।
ऐसा पता चला है कि कुछ विमान कंपनियों ने अधिकारियों से लिखित रूप में कुछ देने को कहा है
ताकि वो भारत के लिए फ्लाइट बुक कर चुके चीनी नागरिकों को फ्लाइट में सवार न होने देने की वजह बता सकें।
नई दिल्ली की प्रतिक्रिया तब आई है जब भारतीय नाविक विभिन्न चीनी बंदरगाहों में फंसे हुए हैं क्योंकि चीन उन्हें किनारे पर नहीं आने दे रहे हैं।
इतना ही नहीं चीनी अधिकारी चालक दल को बदलने की अनुमति देने से भी इनकार कर रहा है। हालांकि चीन के हट की वजह ऑस्ट्रेलिया को निशाना बनाना है,
जिसका कोयला अब चीन में बैन कर दिया गया है। लेकिन इस वजह से बड़ी संख्या में भारतीय नाविक भी परेशान हो रहे हैं और चीन तत्काल राहत देने के मूड में नजर नहीं आ रहा है।
इस बारे में जब पिछले हफ्ते चीन के विदेश मंत्रालय से सवाल किया गया तो उन्होंने इसे स्थानीय प्रशासन से जुड़ा मामला बता दिया।
लेकिन अधिकारियों का कहना है कि लोकल लेवल पर चीनी प्रशासन द्वारा कोई अनुमति नहीं दी जा रही है।
चीनी सरकार ने लोकल लेवल पर प्रशासन को एक ऐसी सूची दी हुई है जिनका उन्हें पालन करना है। भारतीय अधिकारियों का कहना है
कि चीन की ये सूची इस तरह से डिजाइन की गई है कि लोग परेशान जाएं।
00