यरुशलम में अल अक्सा मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई। इस दौरान नमाजियों और इजरायली पुलिस के बीच जमकर संघर्ष हुआ। हिंसा में डेढ़ सौ से ज्यादा फलस्तीनियों के घायल होने की जानकारी मिली है। इनमें से 83 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। रमजान के महीने में यहां फलस्तीन और इजराइल पुलिस के बीच कई बार टकराव हो चुका है। इस बार शुक्रवार को अल अक्सा मस्जिद में करीब 70 हजार की भीड़ थी। नमाज के बाद अचानक हिंसा शुरू हो गई।
अभी हिंसा शुरू होने का कारण पता नहीं चला है। फलस्तीनियों की रेड क्रिसेंट इमरजेंसी सर्विस के अनुसार पुलिस ने भीड़ पर सीधे रबर बुलेट चलाई, इससे ज्यादातर नमाजियों के चेहरे और आंखों में चोट आई है। हिंसा में छह पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। इससे पहले के शुक्रवार को भी पुलिस के साथ संघर्ष में दो फलस्तीनियों की मौत हो गई थी। रमजान के पूरे महीने में पूर्वी यरुशलम में तनाव बना रहा है। इस स्थान पर इजरायल और फलस्तीन दोनों ही अपना दावा करते हैं। यह तनाव और भी ज्यादा बढ़ गया, जब इजरायल पुलिस ने कुछ पवित्र स्थानों पर प्रवेश पर रोक लगा दी, जहां पूरे दिन रोजा रखने के बाद ज्यादातर मुस्लिम इकट्ठा होते थे। अमेरिका ने इन संघर्षों पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि दोनों ही पक्षों को तनाव कम करने के लिए प्रयास करना चाहिए। इजरायल के राष्ट्रपति ने मध्यमार्गी नेता और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी यैर लापिड को नई सरकार बनाने का न्योता दिया है। इजरायल में सबसे लंबे समय तक सेवा दे चुके 71 वर्षीय नेतन्याहू पद पर बने रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 2019 से चार बार चुनाव हो चुके हैं और स्पष्ट बहुमत नहीं आया है। नेतन्याहू भ्रष्टाचार के आरोपों का भी सामना कर रहे हैं।