@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा
अखबार पब्लिक पावर मे प्रकाशित वर्ष 2022 की खबर साक्ष्य स्वरूप इस खबर के साथ नीचे है। 31 मई 2022 का वीडियो बयान भी सुरक्षित है।
- विगत 31 मई 2022 को तत्कालीन नगर कोतवाल राजेन्द्र सिंह रजावत के रहते पर्यावरण कार्यकर्ता / पत्रकार पर दलित महिला ललिता से झूठा मुकदमा दर्ज करवाने वाली विवादित संस्था विद्याधाम / चिंगारी संगठन की कुछ मुट्ठीभर महिलाओं का नेतृत्व जदयू महिला प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष शालनी सिंह पटेल ने किया था।
- जदयू महिला प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष शालनी सिंह ने प्रायोजित मुकदमे की पटकथा पर सुनियोजित पत्रकारों के जमघट से कहा था ‘वे वरिष्ठ पत्रकार है, उन पर महिला उत्पीड़न के आरोप लगें है ! उन्हें पत्रकारिता छोड़ देना चाहिए।
- आज साल 2022 का झूठा मुकदमा उन्ही महिलाओं खाशकर वादी मुकदमा ललिता व गवाह मीरा राजपूत ने बेनकाब कर दिया है, क्या जदयू नेत्री सार्वजनिक दुःख प्रकट कर सकतीं है कि उन्होंने गलत संस्था / व्यक्ति का साथ दिया था ?
- आज उन पर वर्तमान नगर कोतवाल पंकज सिंह ने किन्नर गुरु बन्नो की तहरीर पर रंगदारी और अन्य धारा का मुकदमा लिखा है तो जदयू महिला नेत्री शालनी सिंह पटेल ने उनके बर्खास्त किये जाने की मांग कर डाली है। क्या यह न्यायोचित है ?
- यदि है वास्तव मे वो कदम न्यायसंगत था तो आज वे खुद पर दर्ज मुकदमे से आहत क्यों है ? उन्होंने वर्ष 2022 तत्कालीन नगर कोतवाल के निलंबन की मांग क्यों नही की थी ? या आज भी मांग आज क्यों नही कर रहीं है उक्त तत्कालीन नगर कोतवाल पर कार्यवाही होनी चाहिए जिन्होंने चिंगारी से जुड़ी ललिता केस की जूठी एफआईआर लिखी थी।
- साल 2022 मे तत्कालीन सीओ सिटी राकेश कुमार सिंह ने ललिता केस अपराध संख्या 0424/2022 मे फर्जी चार्जशीट दाखिल की है। इतना ही नही उक्त पत्रकार की बुजुर्ग माताजी समेत आठ अन्य महिलाओं पर भी झूठा मुकदमा 0428/2022 नगर कोतवाली लादकर एक और फर्जी चार्जशीट लगाई है। जब अपने पर बात आती है तब सबको पुलिस खराब दिखती है।
- जबरिया लिंग परिवर्तन के आरोप पर दो किन्नरों की आपसी गुटबाजी-भीड़त मे जदयू नेत्री शालनी सिंह पटेल समेत अन्य पांच पर नगर कोतवाली मुकदमा अपराध संख्या 0031/2025 लिखा गया है। इसका विरोध कर रही नेत्री ने वर्तमान नगर कोतवाल को हटाए जाने की मांग उठाई है।
बाँदा। लगातार एक हफ्ते से बाँदा मे अतर्रा और बिसंडा क्षेत्र के किन्नरों मसलन अमित, खुशबू, जान्हवी, शिवकांत का एक समूह बाँदा के कुछ किन्नरों मसलन कैटरीना, किन्नर गुरु बन्नो आदि पर युवाओं के जबरजस्ती लिंग परिवर्तन कराकर उन्हें किन्नर बना देने के आरोप लगा रहा है। इस क्रम मे लगातार मीडिया खबर कर रही है। वहीं पुलिस प्रशासन जांच शुरू कर चुका है। दो किन्नरों की ये गुटबाजी इस मुकाम तक पहुंची की दिनदहाड़े पुलिस अधीक्षक कार्यालय मे घुसकर दोनों तरफ से मारपीट की गई। मारपीट के दरम्यान शहर की किन्नर मधु का भी नाम सामने आया है। बीच-बचाव करने को कौन आता तो मौके पर उपस्थित खाकी वाले भैया और पत्रकार बन्धु ‘किन्नर दंगल’ का लुफ्त ले रहे थे।
आला अधिकारियों के दफ्तर पर ज़िले के थर्ड जेंडर का यह बवाल मीडिया मे चर्चा का विषय बना। अलबत्ता अपर पुलिस अधीक्षक श्री शिवराज सिंह जी ने नेक पहल करते हुए त्वरित जांच के आदेश दिए है। वहीं जबरिया किन्नर बनाने वाले आरोप पर गहनता से पड़ताल की जा रही है। बतलाते चले ज़िला अस्पताल मे डॉक्टरों के पैनल से उन किन्नर युवाओं की मेडिकल जांच हुई जिन्होंने स्वयं का लिंग बदले जाने का दावा किया था। जानकारी अनुसार किन्नरों ने ऑपरेशन की बात कानपुर के किसी डॉक्टर द्वारा करने की कही है लेकिन वे जांच के सवाल पर पुलिस अधिकारी को डॉक्टर व अस्पताल का नाम नही बता सके है।
इस घटनाक्रम मे एक किन्नर अमित के लिंग परिवर्तन ऑपरेशन की पुष्टि मेडिकल जांच मे हुई है लेकिन जांच टीम अभी ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर व अस्पताल के नाम स्पष्ट न होने से पशोपेश मे है। उल्लेखनीय है कि एसपी कार्यालय मे किन्नरों की मारपीट घटना पर दर्ज एक गुट की एफआईआर मे जनता दल यूनाइटेड की महिला प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष शालनी सिंह पटेल का भी नाम आया है। इस पर उद्वेलित महिला नेत्री ने बीते बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय मे एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करके अपने ऊपर किन्नर गुरु बन्नो द्वारा लिखवाई गई रिपोर्ट को निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने अपनी मांगों मे उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच एवं मौजूदा कोतवाल को हटाने की मांग भी उठाई है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आज जदयू नेत्री शालनी पटेल अपने पर लगे मुकदमे से वर्तमान नगर कोतवाल पर नाराज दिख रहीं है। किन्तु यही महिला नेत्री साल 2022 तारीख 31 मई को अतर्रा के विवादित एनजीओ विद्याधाम समिति ( राजाभैया यादव / मुबीना खान आदि ) के महिला संगठन “चिंगारी” की सदस्या बनकर बाँदा ज़िले के पर्यावरण पैरोकार एवं पत्रकार पर लिखे जाने वाले झूठे मुकदमेबाजी की टोली का नेतृत्व कर रहीं थी। तब नगर कोतवाल श्री राजेंद्र सिंह रजावत थे। सीओ सिटी राकेश कुमार सिंह और एसपी श्री अभिनंदन सिंह थे। तब महिला नेत्री ने गलत लोगों का साथ दिया और खाकी के उस दोयम कृत्य को नजरअंदाज ही नही किया बल्कि समर्थन दिया था।
आज न्याय की कसौटी पर यह दोहरापन क्यों सवाल यही खड़ा है।
अपने पर दर्ज एफआईआर से आहत है महिला नेत्री शालनी पटेल –
जदयू महिला अध्यक्ष शालनी सिंह पटेल पर जैसे यह एफआईआर दर्ज हुई वे सोशल मीडिया पर आक्रोशित दिखी। उन्होंने लगातार मकर संक्रांति के पूर्व से ही अशोक लाट पर प्रदर्शन के संदेश वायरल करना शुरू कर दिए। इधर बुधवार 15 जनवरी 2025 को जदयू नेत्री ने पार्टी के कई कार्यकर्ताओं के साथ डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया है।
काबिलेगौर है कि अब महिला नेत्री शालनी के साथ इस मौके पर जेडीयू जिलाध्यक्ष उमाकांत सविता ,अतर्रा नगर अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ ज्योति मौर्य, नगर विकास प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष काशी प्रसाद , जानकी देवी, जिला उपाध्यक्ष शालिनी सविता, रामबाई ,अर्जुन सिंह, उमेश तिवारी, धीरज मिश्रा, सुमित सिंह, नीरज सिंह लालू सिंह कुलदीप सिंह, जयप्रकाश निगम संदीप अकेला, हजरत अली ,बिहारी लाल, लवलेश पटेल, कुलदीप गर्ग, विनोद पटेल, रविकांत कुशवाहा , ममता प्रजापति गुड़िया वर्मा, मीरा वर्मा, लल्ला वर्मा , रोशनी पाण्डेय ,रातनाम पांडेय, भैरमदीन पटेल सहित पार्टी से जुड़े लोग उपस्थित रहे है।