– प्रधानाचार्य समेत तीन निलंबित हुए। अब तक कुल 18 बच्चों की मौत हुई जिसमे 10 बच्चे जलकर मरे।
– महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज मे 15 नवंबर को अग्निकांड के बाद 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत हुई थी।
– चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक किंजल सिंह के नेतृत्व मे चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी।
– नवजात बच्चों के एनआईसीयू मे मानक से ज्यादा 22 की जगह 49 बच्चों को रखा गया था। कमेटी ने अग्निकांड की पुनरावृत्ति रोकने व व्यवस्था सुधार के सुझाव दिए है।
झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज झांसी मे बीते 15 नवंबर को हुए अग्निकांड घटनाक्रम पर जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आज सूबे के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री श्री बृजेश पाठक जी ने कार्यवाही की है। दैनिक भाष्कर की प्रकाशित रिपोर्ट व सोशल मीडिया एक्स पर भाष्कर के पत्रकार राजेश साहू के ट्वीट से मिली जानकारी मुताबिक मेडिकल कालेज मे बीजेपी नेता की रिसोर्स कंपनी के मार्फ़त भर्ती संविदा वार्ड बॉय इलेक्ट्रिशियन का काम संभाल रहे थे। जिन्होंने लोअर क्वालिटी की लाइन डाल रखी थी।
जांच रिपोर्ट के बाद यह हुई कार्यवाही-
बुंदेलखंड स्थित झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में मौके पर दस बच्चों की मृत्यु के मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कड़ी कार्यवाही की है। डिप्टी सीएम के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के प्रधानाचार्य को हटा दिया है। इसके साथ ही कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को स्पष्टीकरण, आरोप पत्र दिया है। वहीं तीन अन्य को निलंबित किया गया है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई ह्रदय विदायक घटना को लेकर सरकार बेहद संवेदनशील है। पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक जांच कमेटी का गठन किया गया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर को पद से हटा दिया गया है। उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशालय से संबद्ध किया गया है। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहुर को आरोप पत्र दिया गया है। वहीं, कॉलेज के अवर अभियन्ता (विद्युत) संजीत कुमार, एनआईसीयू वार्ड की नर्सिंग सिस्टर इंचार्ज संध्या राय एवं मेडिकल कॉलेज की प्रमुख अधीक्षक डॉ. सुनीता राठौर को तत्काल निलम्बित करते हुए आरोप पत्र दिया गया है।
मामले मे कमिश्नरी जांच के निर्देश –
कॉलेज में बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ओम शंकर चौरसिया, सर्जरी विभाग के सह-आचार्य डॉ. कुलदीप चंदेल व विद्युत प्रभारी अधिकारी को आरोप पत्र देकर उनकी भूमिका की जांच के लिए मण्डलायुक्त झांसी को जांच अधिकारी बनाया गया है।
बच गए कद्दावर आला अफसर-
बड़े हादसों मे जैसा अक्सर होता है कि बड़े ब्यूरोक्रेट्स / अफसरों को बचा लिया जाता है। जांच कमेटी बनती है वह स्थानीय कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, लापरवाही पर कार्यवाही करने की सिफारिश करती है। लेकिन सत्ता, शासन मे बैठे वे शीर्ष ताकतवर लोग बच जाते है जिन्होंने चिकित्सा सुविधाओं व संसाधनों को समयबद्ध उपलब्ध नही कराया होता है। झांसी सहित बाँदा आसपास अन्य मेडिकल कालेज भी मौजूद है जहां कम संसाधन मे व्यवस्था चल रही है। स्वास्थ्य कर्मचारियों को लैब उपकरण, जांच मशीनों को संचालित करने की तकनीकी व प्रशिक्षित होने का अभाव है। पदों की रिक्तियों को भरा जाना आवश्यक है। खाशकर रिसोर्स एजेंसियों से लिये युवाओं को तकनीक ज्ञान ज़रूरी है ताकि ऐसी घटनाएं रोकी जा सके।
उपमुख्यमंत्री ने अपने निरीक्षण के दरमियान सड़क पर चूना, गुलदस्ता देने आदि पर रोक लगाई-
झांसी की घटना से आहत उपमुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक ने अपने निरीक्षण के दौरान शासन को पत्र लिखकर सड़क मे चूना डालने, कार्पेट बिछाने पर रोक व अधिकारी द्वारा गुलदस्ता या अन्य द्वारा माल्यार्पण करने पर रोक लगाई है। उल्लेखनीय है झांसी की घटना के बाद मौके पर पहुंचे डिप्टी सीएम की अगवानी मे अधिकारी सफाई कर्मचारी से सड़क पर चूना डलवाये थे जिसका वीडियो वायरल होने पर किरकिरी हुई थी। बाद मे उपमुख्यमंत्री जी ने प्रेस बयान देकर उक्त ज़िम्मेदार पर कार्यवाही की बात कही थी। तत्क्रम मे यह नीचे दिया पत्र जारी हुआ था।