- दैनिक अमृत प्रभात के स्थानीय संवाददाता / मुरैना केसरी आदि के लिए इक्का-दुक्का खबरें लिखकर पत्रकार बिरादरी मे की घुसपैठ।
- मूल पेशा बाँदा आसपास संचालित लाल मौरम,बालू की खदानों मे मीडिया मैनेजमेंट का काम संभालना। अवैध खनन मे संलिप्तता व खदानों मे नेटवर्किंग।
- गैर सरकारी रूप से पंजीकृत एक विवादित बाँदा प्रेस क्लब पर विगत दिनों से इकबाल खबरिया हमलावर थे।
- इस दरम्यान बाँदा मे महिला पत्रकारों सहित अन्य पर अपने अखबार को औजार बनाकर छाप रहे थे आपत्तिजनक टिप्पणी व खबर।
- महिला पत्रकारों ने शिकायत पत्र देकर पुलिस अधीक्षक बाँदा व डीआईजी बाँदा से कार्यवाही की मांग की थी।
- अमृत प्रभात से मान्यता प्राप्त पत्रकार इकबाल खान पर मुकदमा अपराध संख्या 0972/ 2024 नगर कोतवाली बाँदा मे बीएनएस की धारा 356 (3), 351(2) व आईटी एक्ट 66 के तहत मुकदमा लिखा गया है।
डेस्क खबर, बाँदा –
बाँदा। चित्रकूट मंडल मुख्यालय के बाँदा ज़िले मे दैनिक अमृत प्रभात समाचार पत्र से मान्यता प्राप्त पत्रकार इकबाल खान पर बीते सोमवार कुछ महिला पत्रकारों की लिखित शिकायत पर मुकदमा दर्ज हुआ है। बाँदा के मुहल्ला मर्दननाका रहवासी इकबाल खान का मूल पेशा ज़िले मे संचालित लाल मौरम, बालू की खदानों मे नेटवर्किंग एवं पत्रकारों के मीडिया मैनेजमेंट का काम जुगाड़ से हासिल करना है। हाल ही मे दैनिक भाष्कर झांसी संस्करण की खबर इस तथ्य की पुष्टि करती है। वहीं सोशल मीडिया मे लगातार पत्रकार इकबाल खान के बालू खदानों से सम्बंध व पत्रकारों को देने के लिए खदान संचालकों से मिली रकम मे पक्षपात करने के आरोप पत्रकारों द्वारा लगाए गए है।
इधर इकबाल खान भी उपरोक्त पत्रकारों पर अपने समाचार पत्र व व्हाट्सएप संदेश के जरिये अभद्रता पूर्ण खबर और टिप्पणी छाप रहे थे। गौरतलब है बाँदा के विवादित व ज़िला झांसी मे अपनी पंजीकरण प्रक्रिया के दरम्यान चिट्स व सोसाइटी फर्म रजिस्ट्रार दफ्तर मे दस्तावेज तथ्यों से हेराफेरी करने के चलते आईपीसी की धारा 420 मे मुकदमा झेल रहे बाँदा प्रेस क्लब अध्यक्ष पर सिलसिलेवार खबर प्रकाशित की जा रही थी। उधर बालू-मौरम खदानों से मिली रकम के वितरण मे इकबाल खान द्वारा की जा रही पत्रकार बिरादरी की अनियमितता / पक्षपाती व्यवहार से नाराज बाँदा के पत्रकार लामबंद होकर इकबाल खान को घेरने की कवायद मे थे। अलबत्ता महिला पत्रकारों पर इकबाल खान की अभद्र टिप्पणियों से आहत नारीवादी महिला पत्रकारों ने एकजुटता से पुलिस अधीक्षक बाँदा व मंडल के डीआईजी साहब को शिकायत पत्र देकर न्यायोचित कार्यवाही की मांग की थी। इस कड़ी मे सोमवार को इकबाल खान पर अपेक्षित धारा मे मुकदमा लिखा गया है। बतलाते चलें कि बाँदा मे इस सत्र की आधा दर्जन संचालित लाल बालू मौरम खदानों की शुरुआत हो चुकी है। वहीं अवैध खनन की तिजारत और माफियाओं की महामारी मे मौकापरस्त लाभार्थी पत्रकार आपसी वर्चस्व की जंग मे शब्दभेदी बाणों से आपसी गुटबाजी व अपनी ही पत्रकार बिरादरी का चरित्र भेदन करने मे सक्रिय है। जिसका खामियाजा बाँदा की मृत होती केन नदी भुगत रही है। बड़े अखबार तो इन खबरों से दूरियां बनाकर केन नदी मे प्रतिबंधित पोकलैंड, लिफ्टर ( बिलहरका क्षेत्र ), जेसीबी मशीनों के तांडव पर मौन बैठे है। देखना यह समाचीन होगा कि इकबाल पर दर्ज एफआईआर से खदानों मे मशीनों की पहलवानी और कनपुरिया खदान संचालक के अवैध शक्ति प्रदर्शन पर कितना असर पड़ता है।
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