@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा
- डिजीटल युग मे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और सकारात्मक माहौल मे देहरी तक पहुंचाने को होगी पहल।
- खुली परिचर्चा मे पूरी तरह राउंड टेबल पैनल संवाद आयोजित किया जाएगा।
- पैनल चर्चा मे विषय विशेषज्ञों, ग्रामीण सहायक नर्स मिडवाइफ, आशा कर्मी आंगनबाड़ी व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे।
- बुंदेलखंड सहित बिहार, छतीसगढ़ तक खबर लहरिया चंबल मीडिया एकेडमी के माध्यम से नारीवादी जनमुद्दों और खबरों को 22 वर्षों से संचालित कर रहा है।
- प्रेम सिंह की बगिया मे है आयोजन।
बाँदा। विंध्याचल बुंदेलखंड की हिंदी पट्टी मे ग्रामीण स्तर पर विगत 22 वर्षों से गांव, पगडंडियों तक अपनी ज़मीनी खबरों से देश- दुनिया का चेहरा बन चुका खबर लहरिया मीडिया समूह बाँदा मे 16 नवंबर को ‘स्वास्थ्य एवं तकनीक’ विषय पर राउंड टेबल चर्चा का आयोजन कर रहा है। देश-विदेश मे कई मीडिया सम्मान से नवाजे गए खबर लहरिया डिजीटल प्लेटफार्म की शुरुआत यूं तो चित्रकूट, बाँदा के बीहड़ों से कॉम्पेक्ट अखबार की शक्ल मे हुई थी। वहीं आज यह सोशल मीडिया, यूट्यूब, डिजीटल वेबसाइट मे उपलब्ध है। ज़िला मुख्यालय मे आज खबर लहरिया मीडिया की समूह संपादक कविता बुंदेलखंडी,सह संपादक मीरा एवं खबर लहरिया की को-सीईओ / चंबल मीडिया एकेडमी की निदेशक प्रिया ने संयुक्त प्रेसवार्ता मे आगामी 16 नवंबर के कार्यक्रम की रूपरेखा व उसके आयोजन संदर्भ को स्थानीय पत्रकारों के साथ साझा किया है।
स्वास्थ्य एवं तकनीक –
स्वास्थ्य एवं तकनीक विषय वैसे तो बहुत विस्तारित है लेकिन खबर लहरिया 16 नवंबर को ‘देहरी तक दवाई की सच्चाई’ पंच लाइन के साथ भारत के खाशकर यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड के सुदूर गांवों मे अप्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों के सहारे लुढ़क रही स्वास्थ्य सेवाओं को केंद्रित कर परिचर्चा करेगी। सकारात्मक माहौल मे विषय विशेषज्ञों, सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और डाक्टर की उपस्थिति मे पैनल संवाद बड़ोखर खुर्द गांव मे प्रेम सिंह की बगिया मे आयोजित किया जाएगा। प्रिया एवं कविता ने बतलाया कि शनिवार को सुबह 11 बजे से यह आयोजन होना है। राज्य व केंद्र सरकार भी लंबे समय से स्वास्थ्य सेवाओं को तकनीक ज्ञान के सहारे गांव से देहरी तक सुलभ कराना चाहती है। इस पर जोर देने के लिए ही सकारात्मक बदलाव करते हुए समुदाय स्तर पर काम कर रही आशा कर्मी, एएनएम, आंगनबाड़ी सेन्टर पर मोबाइल ज्ञान व प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुगमता देने के लिए एक डिवाइस पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन आफ इंडिया के सौजन्य से तैयार की गई है। इसको ‘स्वास्थ्य स्लेट’ नाम दिया गया है। मातृत्व और शिशुओं के स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर को सुधारने व शिशु मृत्यु दर पर नियंत्रण के लिए जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों मे स्वास्थ्य स्लेट का उपयोग ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण हेतु किया जा रहा है। खबर लहरिया की सह संपादक इस आयोजन को होस्ट / संचालित करेंगी। वहीं पूरी चंबल मीडिया एकेडमी से जुड़ी ग्रासरूट मीडिया वर्कर भी इसका हिस्सा बन रहीं है। शहरी-प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को किफायती और प्रभावी बनाने के नजरिये से अब ऐसी नई तकनीक उपलब्ध है जिनका उपयोग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने मे होने लगा है। ये हैंड हेल्ड एंड्रॉयड डिवाइसेज है। इनमे रोगों की रोकथाम व निदान हेतु विभिन्न स्तरों पर जानकारी उपलब्ध रहती है। इस आयोजन को पहली बार बाँदा मे किसी मीडिया समूह द्वारा आयोजित किया जा रहा है।