अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का ट्रायल शुरू हो गया है। हालांकि, जहां तक इसके परिणाम की बात है तो वो काफी कुछ रिपब्लिकन के पक्ष में जा सकता है। मंगलवार को सीनेट में महाभियोग का पहला ट्रायल शुरू करने के लिए हुई वोटिंग में 56 के मुकाबले 44 वोट पड़े, जिसे ट्रंप के वकील ने खारिज कर दिया।
डेमोक्रेट का मानना है कि इस प्रक्रिया के बाद ट्रंप को भविष्य के लिए अयोग्य करार दे दिया जाएगा। जिसके बाद वो फिर कभी कोई सार्वजनिक पद पर काबिज नहीं हो सकेंगे। लेकिन मंगलवर को जो बात सामने आई उसमें इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। मंगलवार को हुई वोटिंग के दौरान छह रिपब्लिकन सांसदों ने डेमोक्रेट पार्टी का साथ देते हुए ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का पहला ट्रायल शुरू करने के पक्ष में वोट डाला। आपको बता दें कि ट्रंप को किसी तरह की सजा सुनाने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी।
इस महाभियोग के ट्रायल के दौरान ट्रंप के वकील का कहना था कि उनके ऊपर किसी भी तरह से महाभियोग चलाना संवैधिानिक नहींं है। इसकी वजह है कि अब वो किसी भी पद पर काबिज नहीं है और साधारण नागरिक है। अमेरिका का संविधान किसी भी आम नागरिक पर महाभियोग चलाने की इजाजत नहीं देता है। इनकी दलील ये भी थी कि 6 जनवरी को केपिटल बिल्डिंग में हुई हिंसा के लिए ट्रंप ने समर्थकों को नहीं उकसाया था।
डेमोक्रेट पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के ठोस आधार के रूप में उस वीडियो को सामने ला रहे हैं जिसमें ट्रंप ने अपने समर्थकों से 3 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव के बाद जो परिणाम सामने आए उसके खिलाफ एकजुट होने की बात कही थी। जिस वीडियो का यहां पर जिक्र किया गया है उसमें ट्रंप समर्थक सुरक्षाकर्मियों पर हमला करते हुए और केपिटल बिल्डिंग में हिंसा करते हुए दिखाई दे रहे हैं।