लखनऊ जेल लाया गया कुख्यात सुरेंद्र कालिया, Ex MP धनंजय सिंह फंसाने की रची था सजिश | Lucknow Latest News

चित्रकूट जिला जेल में गैंगवार के बाद पुलिस एनकांउटर तथा बागपत जिला जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद किसी भी जेल में बाहर से बड़े अपराधी के आने के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी जाती है, कुछ ऐसा ही हाल जिला जेल लखनऊ का है। सोमवार को यहां कोलकाता से कुख्यात सुरेंद्र कालिया को लाया गया है। 50 हजार के इनामी बदमाश कालिया ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को फंसाने की साजिश में लखनऊ में अपने ऊपर ही हमला करवा लिया था। हरदोई के हिस्ट्रीशीटर और जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र कालिया ने सरकारी गनर पाने और पूर्व सांसद को फंसाने के लिए लखनऊ में खुद पर गोली चलवाई थी। पुलिस ने घटना पर शक किया तो उसने कोरोना का बहाना बनाकर चकमा देने की कोशिश की और अपने परिवार के साथ फरार हो गया। इसके बाद नाटकीय ढंग से कोलकाता में गिरफ्तार हो गया। वहां पर गिरफ्तार होने के बाद सुरेंद्र कालिया नौ महीने से लखनऊ आने से बच रहा था लेकिन अब वह लखनऊ जेल में कैद है।

Lucknow Police Trapped Criminal Surendra Kalia - अपनी ही रची साजिश में फंसा  50,000 रुपये का इनामी हिस्ट्रीशीटर, यूं खुली पोल - Lucknow News

लखनऊ के आलमबाग थाना क्षेत्र में 13 जुलाई 2020 को अजंता हॉस्पिटल के बाहर देर शाम सुरेंद्र कालिया पर उस वक्त जानलेवा हमला हुआ जब वह अपने एक बीमार साथी को अस्पताल में देखकर गाड़ी में बैठने जा रहा था। उस समय बताया गया कि पैदल आए दो लड़कों ने ताबड़तोड़ 20-25 राउंड फायरिंग की और फरार हो गए। फायरिंग के दौरान सुरेंद्र के ड्राइवर को गोली भी लगी, लेकिन उसकी जान बच गई। सुरेंद्र कालिया ने इस जानलेवा हमले का आरोप जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह लगाया और आलमबाग थाने में एफआईआर भी दर्ज करवा दी। इसके बाद पुलिस ने गाड़ी को देखा और मौका मुआयना किया। इस दौरान पुलिस ने सीसीटीवी खंगाला और चश्मदीदों से बात की तो पता चला कि मौके पर चार या पांच राउंड ही फायरिंग हुई। पुलिस ने सुरेंद्र कालिया की गाड़ी का भी मुआयना किया तो उस पर एक दो नहीं पूरी 17 गोलियां मारी गई थी। यह गोली गाड़ी के दोनों तरफ लगी थी। फॉरेंसिक टीम और टेक्निकल मुआयना करवाया गया तो साफ हो गया उसकी काली गाड़ी पर गोली तो चली लेकिन घटनास्थल पर नहीं और शूटरो ने नही चलाई।

इस मामले की जांच शुरू हुई और पुलिस की पूछताछ में झूठ पकड़ा जाने लगा तो सुरेंद्र कालिया ने चकमा देने के लिए खुद को कोरोना पॉजिटिव बता दिया। पुलिस को लगा कि वह अब 14 दिन तक अब घर से बाहर नहीं निकलेगा लेकिन मौका मिलते ही वह परिवार के साथ लखनऊ के आशियाना में घर छोड़कर फरार हो गया। पुलिस उसके पीछे लगी और 13 अगस्त को उसकी लोकेशन मध्य प्रदेश के सतना जिले के मैहर मंदिर के पास मिली। होटल में पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह फरार हो गया। पुलिस ने सुरेंद्र कालिया की पत्नी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। कोलकाता से हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया के सोमवार को लखनऊ जिला में पहुंचने के बाद से पुलिस अतिरिक्त रूप से सतर्क है। कालिया को लखनऊ के एक केस के सिलसिले में कोलकाता में पकड़ा गया था, लेकिन वह कोलकाता से लखनऊ आने में कतरा रहा था।

सुरेंद्र कालिया इसके बाद सितंबर 2020 में कोलकाता में अवैध पिस्टल के साथ गिरफ्तार हो गया। सितंबर 2020 से मई 2021 तक पूरे नौ महीने में लखनऊ पुलिस ने सुरेंद्र को लाने के लिए पांच वारंट बार दाखिल किया, लेकिन कभी कोरोना के नाम पर तो कभी बीमारी के नाम पर उसको नहीं आने दिया गया।

आखिर कोर्ट ने भी लखनऊ पुलिस को बीते हफ्ता वारंट बी पर सुरेंद्र को ले जाने की अनुमति दे दी। फिलहाल सुरेंद्र कालिया को सोमवार देर शाम को ज्यूडिशल कस्टडी में जेल भेज दिया गया है। उसे आलमबाग पुलिस कोलकाता से वारंट बी पर लेकर आई थी। देर शाम कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया। कालिया को कोलकाता में अवैध पिस्टल के साथ अरेस्ट किया गया था।

50 हजार रुपये का इनाम: तत्कालीन पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। डीसीपी मध्य सोमेन वर्मा के मुताबिक, सोमवार को सुरेंद्र कालिया को कोलकाता से वारंट बी पर लखनऊ लाया गया। जहां कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद न्यायिक अभिरक्षा में उसे गोसाईंगंज जेल भेज दिया गया है। 

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