अखिलेश और मायावती के लिए चुनौती बनेंगे ओवैसी, रविवार को मसूरी में दिखाएंगे दम | UP Elections 2022

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुस्लिम बहुल धौलाना विधानसभा सीट पर आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुसलमीन (एआइएमआइएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की नजर है। वह रविवार को दूसरी बार मसूरी आ रहे हैं। वर्तमान में बसपा से हाजी असलम यहां के विधायक हैं। इससे पहले यह सीट सपा के खाते में थी। हालांकि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी धर्मेश चंद तोमर ने सपा और बसपा को कड़ी टक्कर दी थी और तोमर दूसरे नंबर और सपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे थे। असलम को 88580 यानी 34.90 फीसदी और रमेश चंद तोमर 85004 यानी 33.49 फीसदी मत मिले थे। इस बार एआइएमआइएम से डासना नगर पंचायत के चेयरमैन हाजी आरिफ धौलाना से ओवैसी का झंडा लहराने में जुटे हैं। इससे सपा और बसपा में बेचैनी बढ़ गई है।

परिसीमन से पहले भाजपा का गढ़ रहा है धौलाना

विधानसभा चुनाव 2022 में भी धौलाना विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं का रुख अहम माना जा रहा है। पूर्व में यह क्षेत्र मोदीनगर विधानसभा का हिस्सा था। 2012 में परिसीमन होने के बाद धौलाना विधानसभा सीट बनी। सपा के धर्मेश तोमर 2012 में धौलाना से पहले विधायक रहे। परिसीमन से पहले यह सीट भाजपा का गढ़ रही है। नरेंद्र सिंह शिशौदिया लगातार भाजपा से यहां पर कई बार विधायक चुने गए। 2012 में हापुड़ जिला बनने के बाद यह सीट भाजपा के हाथ से निकल गई।

विधानसभा में मतदाता 

धौलाना में लगभग 3.78 लाख मतदाता हैं और इनमें से 40 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम हैं। मुस्लिम डेढ़ लाख, ठाकुर 90 हजार, दलित 50 हजार, ब्राह्मण 20 हजार, वैश्य 25 हजार, यादव आठ अजार, जाट सात हजार व अन्य 40 हजार मतदाता हैं। बसपा के असलम को 2017 विधानसभा चुनाव में 88 हजार 580, भाजपा के रमेश चंद तोमर को 2017 में 85004 मत मिले, सपा के धर्मेश सिंह तोमर 71786 मत मिले। रालोद के नागेंद्र सिंह 3025 मत मिले थे।

धौलाना के दलित और मुस्लिमों पर ओवैसी की नजर

धौलाना विधानसभा में 120 गांव, एक नगर पंचायत डासना, एक नगर पालिका पिलखुवा है। धौलाना विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता डेढ़ लाख, ठाकुर 70 हजार और तीसरे नंबर पर दलित 50 हजार हैं। ओवैसी की नजर यहां के मुस्लिम और दलित मतदाताओं पर है। माना जा है इसी वजह से ओवैसी दूसरी बार मसूरी आ रहे हैं। 15 जुलाई को औवेसी मसूरी में पार्टी कार्यालय का शुभारंभ करने आए थे। उनकी एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या उनके समर्थक जुटे थे। ज्यादा भीड़ और अव्यवस्था होने के कारण ओवैसी ज्यादा समय तक नहीं रुके सके थे। उनकी एक झलक पानी के लिए समर्थकों ने कुर्सियां तोड़ दी थी। कार्यक्रम में समर्थकों की भीड़ देख न केवल ओवैसी ने खुशी जाहिर की थी, बल्कि सपा और बसपा नेताओं के माथे पर भी चिंता की लकीर खिंच गई थी। सपा और बसपा के कार्यकर्ताओं ने मसूरी में ओवैसी के आने का विरोध किया था।

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