आर्यन खान ड्रग्स केस की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े मंगलवार को दिल्ली में एजेंसी के हेडक्वार्टर पहुंचे। यहां उनके समर्थन में कुछ पोस्टर लगाए गए थे, जिसे अधिकारियों ने हटा दिया। जानकारी के अनुसार दिल्ली स्थित एनसीबी मुख्यालय के बाहर वानखेड़े के समर्थन में हिंदू सेना ने पोस्टर लगाए थे। वानखेड़े एनसीबी हेडक्वार्टर क्रूज ड्रग्स मामले में एक गवाह द्वारा लगाए गए आरोपों की सतर्कता जांच के आदेश के बीच पहुंचे। गवाह का दावा है कि ड्रग्स केस में आरोपी आर्यन खान को छोड़ने के लिए मुंबई के क्षेत्रीय निदेशक सहित एजेंसी के कुछ अधिकारियों द्वारा 25 करोड़ रुपये की मांग की थी। अधिकारी ने सोमवार को आइजीआइ हवाईअड्डे के बाहर मीडियाकर्मियों से कहा था कि एजेंसी ने उन्हें तलब नहीं किया है। उन्हें यहां कुछ काम है और उन्होंने ड्रग्स मामले में निष्पक्ष जांच की है।
वानखेड़े महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के हमलों का समाना कर रहे हैं। इस बीच हिंदू सेना उनके समर्थन में आई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता ने पहले अधिकारी के जन्म प्रमाण पत्र पर सवाल उठाया था। मलिक ने कहा कि समीर दाऊद वानखेड़े की धोखाधड़ी यहीं से शुरू हुई थी।
इससे पहले आज मलिक ने कहा कि उन्हें नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के एक अज्ञात अधिकारी से एक पत्र मिला है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि एजेंसी द्वारा कई लोगों को झूठे मामलों में फंसाया गया है। मलिक ने कहा कि उन्हें जो पत्र मिला है उसमें 26 मामलों का जिक्र है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि समीर वानखेड़े ने मामले की जांच के दौरान उचित नियमों का पालन नहीं किया। उन्होंने वानखेड़े, उनके पिता और उनकी बहन को उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करने की चुनौती देते हुए कहा कि वह इसका सामना करने और अदालत में लड़ने के लिए तैयार हैं।