@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा
- साल 2016 मे भी एक अन्य यौन शोषण केस पर लगातार 6 माह फरार रहे थे विद्याधाम और चिंगारी के मुखिया।
- दिनांक 7 जनवरी को दोनों पीड़िता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के जनता दरबार तक पहुंची है, सीएम गोरखपुर थे तो उनके सचिव स्तर पर सुनवाई हो सकी।
- इसके पूर्व आईजी जोन इलाहाबाद व स्थानीय अधिकारियों से कर चुकी है शिकायत।
बाँदा। अतर्रा कस्बा स्थित एक एनजीओ विद्याधाम समिति / चिंगारी संगठन के संचालक राजाभैया यादव हाल ही मे 17 दिसंबर 2024 को एक फिर दो महिलाओं से यौन शोषण मामले पर विवादों मे है। इससे पूर्व साल 2016 मे ग्राम अनथुआ की महिला सामुदायिक कार्यकर्ता ने राजाभैया यादव पर सेक्सुअली / यौन शोषण के केस 037/2016 लिखवाया था। तब भी लगातार 6 माह राजाभैया फरारी काटे थे। यह अलग बात है कि तब उच्चन्यायालय से उनका स्टे खारिज भी हो गया था। उस स्टे की छायाप्रति खबर के साथ है।
बतलाते चले उस दरम्यान भी पीड़िता लखनऊ से दिल्ली जंतर-मंतर तक दौड़ी थी और अतर्रा पुलिस व तत्कालीन विवेचक राजाभैया को संरक्षण दिये थे। अन्तः उन्होंने चार्जशीट मे हाथ साफ कर लिए और आईपीसी 376 (2 एफ), आईटी एक्ट को छेड़छाड़ की धारा 354 मे तरतीम कर दिया था।
इस बार भी क्षेत्राधिकारी अतर्रा और थाने का खेल-
दो पीड़िताओं ने गत 17 दिसंबर को भागदौड़ के बाद राजाभैया पर यौन शोषण की धारा मे अलग-अलग केस लिखवाया है। उधर लगातार अतर्रा से इलाहाबाद तक खाकी बनाम राजाभैया की लुकाछिपी चल रही है। वहीं सीओ-क्षेत्राधिकारी अतर्रा ने मुकदमा संख्या 0314/2024 मे आरोपी के हाईकोर्ट जाने की तमीला नोटिस गत दिनांक 7 जनवरी को फोन द्वारा आरक्षी से पीड़िता को जानकारी देकर बताया था। बतलाते चले कि अभियुक्त राजाभैया की हाईकोर्ट मे हाल ही मे स्टे को लेकर दाखिल क्रिमिनल मिस रिट याचिका की सुनवाई पहले 9 जनवरी लगी थी। जो अब बढ़कर 16 जनवरी हो गई है। वहीं उक्त रिट के संबंध मे वादी पीड़िता को सीओ के हस्ताक्षर युक्त 7 जनवरी अंकित नोटिस गलत मुकदमा नम्बर पड़ा हुआ दिया गया है।
इस मामले पर जब हाईकोर्ट की वेबसाइट को खंगाला गया तो पाया गया कि देखा तो पाया गया वो किसी अन्य के नाम से है और हाईकोर्ट से जनवरी 2024 मे डिस्पोजल हो चुकी है। यहां यह बतलाना आवश्यक है कि अतर्रा थाने से पीड़िता को मिली नोटिस पर दिनांक 7 जनवरी अंकित है। वहीं नोटिस पर लिखा है कि क्रिमिनल मिस रिट प्रिटीशन संख्या 212/24 दिनांक 4.01.2025 योजित है। जब इस रिट नम्बर को देखा गया तो यह किसी फरियाद @कल्लू के नाम से हाईकोर्ट मे दाखिल थी जिसका जनवरी 2024 मे डिस्पोजल हो चुका है। उल्लेखनीय यह भी है कि गत 7 जनवरी अंकित उक्त नोटिस की सम्पूर्ण प्रतिलिपि सीओ अतर्रा के मुंशी / अतर्रा थाने ने पीड़िता को उपलब्ध नही कराई है।
जबकि उक्त रिट के नोटिस मे स्पष्ट लिखा गया है कि आपको क्रिमिनल मिस रिट प्रिटीशन की सम्पूर्ण एक प्रति दी जा रही है। किन्तु जब उक्त रिट के सम्पूर्ण प्रतिलिपि की मांग वादी मुकदमा / पीड़िता अपराध संख्या 0314/2024 द्वारा दिनांक 8 जनवरी को अतर्रा थाने पहुंचकर नोटिस रिसीव करते वक्त मौखिक उठाई गई तो डियूटी पर तैनात मुंशी बोला यह सम्पूर्ण प्रति नही मिलेगी, आपको 2000 रुपया खर्चा लगेगा। तब राजाभैया की उक्त पीड़िता वादी मुकदमा ने थाने से बनाया वीडियो और जारी कर दिया है। सूचना संसार के पास वह वीडियो उपलब्ध है।
लगातार फरार है राजाभैया, कभी लखनऊ तो इलाहाबाद है-
एफआईआर दर्ज होते ही अतर्रा से लापता आरोपी राजाभैया ने गिरफ्तारी से बचने के लिए आनन-फानन मे हाईकोर्ट इलाहाबाद का रुख किया है। माननीय उच्चन्यायालय मे आगामी 9 जनवरी 2025 को क्रिमिनल मिस रिट सुनवाई की डेट लगवाई थी जो अब आगामी सुनवाई के लिए एज ए फ्रेश केस 16 जनवरी तय है। उधर न्याय की गुहार पर दरबदर भटकती आरोपी राजाभैया से हलकान दोनों पीड़िताओं ने मुख्यमंत्री दरबार लखनऊ पहुंचकर दिनांक 7 जनवरी को अपने मुकदमे मे अपहरण की धारा एवं धारा 509, वित्तीय गबन की धारा बढ़ाने का निवेदन किया है।
साथ ही अपने केस मे जांच कर रहे अतर्रा थाने के एसआई व आईओ श्री काशीनाथ यादव तथा सीओ अतर्रा- विवेचनाकर्ता से मामले की जांच हटाने / बदलने का लिखित पत्र देकर शासन से लेकर स्थानीय स्तर तक मांग की है। बावजूद इसके अभी तक अभियुक्त विद्या धाम समिति / चिंगारी संचालक राजाभैया, सह अभियुक्त मुबीना खान, शिवकुमार गर्ग फरार है। और विवेचक यथावत अपनी धुन मे रमकर मुख्यमंत्री पोर्टल / आईआरजीएस मे पड़े मामले से संबंधित शिकायत पत्रों की आख्या लगाने मे मनमर्जी कर रहें है।
दोनो पीड़िता का कहना है कि उन्हें बाँदा अधिकारियों पर भरोसा है लेकिन अतर्रा थाना व पुलिस आरोपी के साथ है। वह न्याय क्या करेंगे जैसे साल 2016 मे नही किया गया था। धनबल के आगे गरीब की कौन सुनता है। उधर फर्जी केस लिखवाने के कुछ ऑडियो जो राजाभैया से संबंधित है वो व्हाट्सएप पर वायरल है। देखना है कि खाकी का ईमान और राजाभैया की तिकड़म मे जीत किसकी होती है।