समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली से जनता त्रस्त है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार की हर मोर्चे पर विफलता से लोगों में भारी आक्रोश है। जनता के बीच गिरती साख से भाजपा और संघ के माथे पर चिंता की रेखाएं स्पष्ट दिखने लगी हैं। ऐसे में कोरोना, ब्लैक फंगस और महंगाई के संकट से जनता का ध्यान भटकाने के लिए अब राज्य मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की चर्चा छेड़ दी गई है, लेकिन भाजपा को इस राजनीतिक कसरत से भी कोई फायदा नहीं होगा।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी सबको समयबद्ध वैक्सीन लगाने का सुझाव देती हैं तो भाजपा के मंत्रीगण इधर-उधर की बातें करने लगते हैं। अपनी विफलता पर पर्दा डालने को भाजपा सरकार अपनी सफलता मानती है। वैक्सीनेशन में भी लापरवाही की कई घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं। भाजपा को वैक्सीनेशन के मामले में पारदर्शिता रखनी चाहिए। सरकार सबको दिवाली तक वैक्सीन की सुविधा देने का लक्ष्य कैसे पूरा करेगी जबकि इसकी रफ्तार बहुत सुस्त है। झांसा देकर समय बिताना जनता के साथ छल है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ हवा-हवाई बयान एवं भ्रामक विज्ञापनों के सहारे अपनी झूठी छवि बनाने में व्यस्त है।
सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा कि निर्विवाद रूप से प्रदेश में कोरोना से उपजी त्रासदी की जिम्मेदार भाजपा सरकार है। बीते चार वर्षों के भाजपा शासनकाल में सूबे के विभिन्न जिलों में समाजवादी सरकार में निर्मित अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर को शुरू करने में मुख्यमंत्री ने कोई रुचि नहीं दिखाई। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जहां भी दौरा किया वह सभी अस्पताल समाजवादी सरकार में बने थे। मुख्यमंत्री कहीं ऐसे अस्पताल का भी दौरा कर लेते जो विगत चार वर्ष में भाजपा सरकार ने बनाया हो। पिछले कोरोना काल के कटु अनुभव से यूपी सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि स्थिति संभालने की बजाय भारतीय जनता पार्टी की सरकार के मंत्री समाजवादी पार्टी के विरुद्ध ही कुप्रचार में लगे हैं। अच्छा होता भाजपा लगे हाथ एक अलग मंत्रालय गाली गलौच का बनाकर मंत्री को जिम्मेदारी दे देती। वैसे लोकतंत्र में विपक्ष के प्रति दुर्भावना अवांछनीय है। क्या यही भाजपा के संस्कार हैं। पिछले कोरोना काल के कटु अनुभव से प्रदेश सरकार ने कोई सबक नहीं लिया।