इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जल्द ही सत्ता में वापसी करने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि आठ दलों की नई गठबंधन सरकार को गिराकर सत्ता में वापसी करूंगा। नेतन्याहू सत्ता पर सबसे लंबे समय तक काबिज रहे और 12 वर्षो तक प्रधानमंत्री रहे। उन्हें रविवार को उस समय सत्ता से बाहर होना पड़ा, जब संसद में विश्वास मत हासिल कर संयुक्त गठबंधन के नेता नाफ्ताली बेनेट नए प्रधानमंत्री बन गए। नेतन्याहू के इस बयान से इजरायल की सियासत गरमा गई है। उनके बयान से एक बात तो तय हो गई है कि इजरायल में राजनीतिक अस्थिरता का दौर समाप्त नहीं हुआ है।
71 वर्षीय नेतन्याहू ने बतौर विपक्षी नेता सोमवार को पहली बैठक
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, 71 वर्षीय नेतन्याहू ने बतौर विपक्षी नेता सोमवार को पहली बैठक की और इस दौरान सत्ता में वापसी का वादा किया। उन्होंने बेनेट सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि इस कपटी सरकार को जल्द ही गिरा दिया जाएगा। नेतन्याहू ने अपनी पार्टी और गठबंधन के सांसदों से कहा कि वे संसद में नई गठबंधन सरकार को पंगु बनाने के लिए एकजुटता और अनुशासन दिखाएं।बता दें कि समझौते के तहत बारी-बारी से बेनेट और याइर लैपिड प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे। इसी समझौते के तहत 49 वर्षीय बेनेट को पहले प्रधानमंत्री बनाया गया है, जबकि लैपिड विदेश मंत्री बने हैं। दो वर्ष बाद लैपिड प्रधानमंत्री बनेंगे।
विपक्ष से जारी रहेगा विरोध
हालांकि, संसद में बेंजामिन नेतन्याहू के भाषण के दौरान शांति का माहौल रहा। उन्होंने कहा, मैं यहां लाखों देशवासियों की तरफ से खड़ा हूं, जिन्होंने मेरी पार्टी को वोट दिया, मेरे लिए अपने प्यारे देश के लिए रात-दिन काम करना मेरे लिए सम्मान की बात थी। नेतन्याहू ने कहा हम विपक्ष में जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन वहां भी हमारे हौसले कमजोर नहीं पड़ेंगे। रविवार की देर रात अपनी पहली बैठक आयोजित करने के बाद, बेनेट के नए मंत्रिमंडल के साथ राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन के आधिकारिक निवास पर पहुंचे। जहां उन्हें पारंपरिक तौर पर नई मंत्रिमंडल के साथ ग्रुप फोटो के लिए आमंत्रित किया गया था।
सत्ता में लौटने का होगा मौका
बेनेट 120 सदस्यीय सदन में 61 सांसदों की कमजोर सरकार का नेतृत्व करेंगे। ऐसे में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल अगर एक भी दल अगर पीछे हटता है तो नई सरकार अपना बहुमत गंवा देगी और सरकार गिरने का जोखिम पैदा हो जाएगा। सत्तारूढ़ गठबंधन में 8 छोटे-छोटे दल शामिल हैं। वहीं, नेतन्याहू संसद में अभी भी सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष बने हुए हैं। उन्होंने कहा है कि, वो नई सरकार का भरपूर विरोध करेंगे। ऐसे में अगर सत्तारूढ़ पार्टी का एक भी दल पीछे हुआ तो नेतन्याहू को सत्ता में लौटने का मौका मिल सकता है। इजरायल की संसद ‘नेसेट’ में 120 सदस्य हैं। बता दें कि इजरायल की सत्ता में 12 सालों तक काबिज रहे नेतन्याहू के राजनीतिक शासन का अंत हो गया। विपक्ष के नेता और गठबंधन के उम्मीदवार नफ्ताली बेनेट ने इजरायल के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली है। नई सरकार के शपथ लेने के साथ ही पिछले 2 सालों से इजरायल में जारी राजनीतिक गतिरोध भी समाप्त हो गया। देश की नई सरकार में 27 मंत्री हैं इनमें से 9 महिलाएं हैं।