PM मोदी से मुलाकात के बाद बोले उद्धव ठाकरे, मराठा आरक्षण समेत कई मुद्दों पर हुई बात | Latest News Update

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और डिप्टी सीएम अजित पवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकारी आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात की। इन नेताओं ने पीएम से मराठा आरक्षण और यास चक्रवात से हुए नुकसान पर राज्य का पक्ष रखा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट से मराठा आरक्षण रद होने के बाद से राज्य में उद्धव ठाकरे की सरकार दबाव में है। राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने सोमवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘सीएम उद्धव ठाकरे और डिप्टी सीएम अजीत पवार के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेगा। वे मराठा आरक्षण, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण और चक्रवात टाक्टे राहत जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।’

Uddhav Thackeray to meet PM Modi today over Maratha quota, cyclone aid |  IndiaToday

इसके अलावा, शिवसेना के मुखपत्र सामना ने 31 मई को अपने संपादकीय में कहा था कि मराठा आरक्षण की लड़ाई दिल्ली में लड़ी जाएगी। संपादकीय में कहा गया है कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर दिल्ली का दरवाजा खटखटाना जरूरी हो गया है। इसमें कहा गया, ‘टकराव निर्णायक साबित होगा। महाराष्ट्र की राजनीति को अस्थिर करने के लिए विपक्ष मराठा आरक्षण के मुद्दे को हथियार की तरह इस्तेमाल करेगा, उन्हें इसे समय रहते रोकना होगा।’

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला देते हुए संपादकीय में कहा गया है कि आरक्षण को लेकर ऐसा कानून बनाने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार को है। सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 5 मई को महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2018 में लाए गए मराठा समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि यह पहले लगाए गए 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक है।

पिछले महीने उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य में मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) घोषित करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया था ताकि शिक्षा और सार्वजनिक रोजगार में उन्हें कम से कम 12 प्रतिशत और 13 प्रतिशत आरक्षण मिल सके। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने लिखा था, ‘ सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा 5 मई, 2021 को दिए गए फैसले ने मुझे यह अवसर दिया है कि मैं आपसे अनुरोध कर सकूं कि आरक्षण देने के लिए जल्द से जल्द उचित कदम उठाए जाएं।

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