डेस्क खबर / संभल
– मुगलकाल की जामा मस्जिद मे न्यायालय के आदेश पर हो रहे सर्वे का विरोध करने पर बवाल।
– उग्र भीड़ ने पुलिस कर्मियों, अधिकारियों पर शुरू कर दी पत्थरबाजी, जवाबी कार्यवाही मे सुरक्षा बल ने भी संभाला मोर्चा।
– संघर्ष मे करीब 20 पुलिस कर्मियों समेत कुछ अधिकारियों को भी चोटें आई है।
– संभल पुलिस अधीक्षक के पीआरओ, एक डिप्टी कलेक्टर, डीआईजी मुनिराज जी, मौके पर मौजूद लोकल प्रशासन के अन्य अधिकारी भी घायल बतलाए जा रहें है।
– तनाव को देखते हुए संभल मे इंटरनेट सेवा बन्द है व घटना स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात है।
– कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह की अगुवाई मे सुबह 7 बजे से सर्वे कार्य मस्ज़िद मे प्रारंभ हुआ। इसका विरोध करने से यह पूरा घटनाक्रम तैयार हो गया।
संभल। ज़िले मे कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वेक्षण करने गई टीम पर सुबह सबेरे अराजक तत्वों / पत्थरबाजी कर रही भीड़ ने माहौल खराब करने का काम किया। कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह सुबह 7 बजे टीम के साथ शहर की जामा मस्जिद का सर्वे करने गए थे। वादी मुकदमा ने मस्ज़िद को हरिहर मंदिर बतलाते हुए न्यायालय से ज्ञानवापी की तर्ज पर सर्वे की मांग की थी। रविवार को छुट्टी का दिन था। लोगों ने अवकाश के दिन सर्वे पर सवाल उठाए थे। वहीं प्रशासन का दावा था रविवार को जनता की आवाजाही कम रहती है जिससे माहौल नियंत्रण मे रहता है। वहीं संभल डीएम राजेंद्र पैसिया, एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई पुलिस बल के साथ सर्वे करने वाली टीम के साथ थे। बेकाबू भीड़ ने इसका विरोध किया और बवाल शुरू कर दिया। वहीं आयुक्त श्री आंजनेय सिंह के मुताबिक जवाबी कार्यवाही मे पुलिस ने उक्त लोगो को चिन्हित किया है। दो महिलाओं समेत 10 लोग हिरासत मे है। इन पर रासुका के तहत कार्यवाही के संकेत मिले है। पुलिस अधीक्षक की मानें तो अराजकता करने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उल्लेखनीय है पुलिस फायरिंग मे 4 युवकों की मौत भी हो गई है। अन्य ज़िले की पुलिस, पीएसी बल ने मोर्चा लिया तब भीड़ पर नियंत्रण पाया गया। आयुक्त के अनुसार यह भीड़ पूरी तैयारी से आई थी। मृतकों मे नोमान उम्र 40 वर्ष, नईम 35 वर्ष, कैफ 19 वर्ष, बिलाल 22 वर्ष शामिल है। जबकि कुछ शरारती तत्वों की गिरफ्तारी की गई है। वहीं स्थानीय प्रशासन की इस मामले पर कार्यवाही जारी है।
पुलिस कर्मियों / अधिकारी को चोटें आई है-
उक्त मामलें मे मोर्चा संभाले पुलिस अधीक्षक संभल श्री विश्नोई जी द्वारा लगातार टीम के साथ युवाओं को समझाने का भरसक प्रयास किया जा रहा था। बावजूद इसके वे नही माने और हुल्लड़ बाजी की गई। यहां तक की पुलिस बल को भी चोटें आई है। आयुक्त ने प्रेसवार्ता बयान मे पुलिस फायरिंग से इंकार किया है लेकिन सोशल मीडिया एक्स पत्थरबाजी करने वालों पर पुलिसिया कार्यवाही ने बयान को विवादित बना दिया जिससे मीडिया मे चर्चा है।