WHO ने सीरम इंस्टीट्यूट को कोवैक्स प्रतिबद्धता की याद दिलाई | Serum Institute

भारत में कोरोना महामारी का प्रकोप शांत होने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया को अपने ट्रैक पर लौटना होगा और कोवैक्स प्रतिबद्धता के तहत वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी। कोवैक्स एक वैश्विक पहल है, जिसके तहत दुनियाभर के देशों को वैक्सीन की आपूर्ति की जानी है। राजधानी दिल्ली समेत कई जगहों पर वैक्सीनेशन सेंटर बंद करने पड़े हैं।

आम आदमी पार्टी सरकार लगातार केंद्र सरकार को वैक्सीन की सप्लाई के मुद्दे पर घेर रही है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सरकार बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन का काम कर रही है। मगर वैक्सीन सप्लाई नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि हमने सवाल उठाया था कि विदेशों में वैक्सीन सप्लाई के बाद देश में वैक्सीन की कमी हुई, लेकिन जितनी भी सप्लाई हो रही है, हमारी कोशिश है कि वैक्सीनेशन सुचारू रूप से चल सके। बता दें कि जनता जब रजिस्ट्रेशन करने जा रही है, तो वहां उन्हें स्लोट फुल मिल रहे हैं। दूसरे-दूसरे राज्यों में भी मौके तलाशे जा रहे हैं।

Serum Institute seeks financial help from govt after India restricts exports

वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी भाजपा के खिलाफ वैक्सीन को लेकर जंग छेड़ी हुई है। वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन के दौरान डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि दुनियाभर में कोरोना के मामले बढ़ने से वैक्सीन की आपूर्ति में कमी आई है। जून के अंत तक कोवैक्स के तहत 19 करोड़ डोज वैक्सीन में कमी आने की आशंका है। कोवैक्स अभियान के तहत 124 देशों को अब तक 6.5 करोड़ डोज वैक्सीन की आपूर्ति की जा चुकी है। यह अभियान विभिन्न देशों और वैक्सीन उत्पादकों द्वारा अपनी प्रतिबद्धता का पालन करने पर निर्भर करता है।

यूनिसेफ का कहना है कि भारत में कोरोना की खतरनाक स्थिति का कोवैक्स अभियान के तहत वैक्सीन की आपूर्ति पर प्रभाव पड़ा है। भारत को वैक्सीन उत्पादन का एक वैश्विक केंद्र बताते हुए इसने कहा कि भारत में महामारी की स्थिति से कोवैक्स के तहत वैक्सीन की उपलब्धता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। बता दें कि भारत में ही वैक्सीन की किल्लत देखने को मिल रही है।  

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