जिला पंचायत अध्यक्ष का दावा उनके साथ है 20 से ज्यादा सदस्य,मंडल आयुक्त से मिले सुनील पटेल… | Soochana Sansar

जिला पंचायत अध्यक्ष का दावा उनके साथ है 20 से ज्यादा सदस्य,मंडल आयुक्त से मिले सुनील पटेल…

@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा

  • इसी सप्ताह ज़िला पंचायत परिसर मे सम्पन्न हुई बैठक का विवाद सोशल मीडिया पर उछला था।
  • कोरम के सदस्यों ने 13 वां और 14 वां वित्तीय बजट समान रूप से सभी विकासखंड स्तर पर बांटने की बात कही थी।
  • ज़िला पंचायत अध्यक्ष और सदर विधायक के बीच की बहसा-बहसी / तनातनी के बीच दो गुटों मे विभाजित हो गया परिसर।
  • ज़िला पंचायत सदस्य भरत सिंह के वीडियो वायरल होने पर अंदरखाने का दंगल बाहर आ गया।


बाँदा। बाँदा ज़िला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल ने बीते दिन चित्रकूट मंडल आयुक्त से मिलकर अपने साथ खड़े समर्थित सदस्यों को साथ लेकर मांगपत्र दिया। ज़िला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल ने दावा किया कि 20 से 25 ज़िला पंचायत सदस्यों का उन्हें खुला समर्थन है। हाल ही इसी सप्ताह ज़िला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल, सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी, बाँदा-चित्रकूट लोकसभा सांसद श्रीमती कृष्णा पटेल, बबेरू विधायक विशंभर सिंह यादव समेत अन्य निर्वाचित सदन सदस्यों और एमए ज़िला पंचायत, सीडीओ वेद प्रकाश मौर्या की उपस्थिति मे बैठक आयोजित हुई थी। बतलाते चले कि इस बैठक मे भारी वादविवाद ज़िला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल और सदर विधायक खेमे से जुड़े सदन सदस्य भरत सिंह व अन्य के बीच बजट वितरण की खामियों को लेकर हुआ था।


ज़िला पंचायत सदस्य भरत सिंह ने बजट वितरण पर उठाए थे सवाल-

सोशल मीडिया मे वायरल विवाद के वीडियो / ट्वीट लिंक नीचे है-

https://x.com/AshishsagarD/status/1883382469745078666?t=kVrizzFPEuPq8kTaCNxA3w&s=19


इस सप्ताह हुई बैठक मे ज़िला पंचायत सदस्य भरत सिंह ने सभागार मे बयान देते हुए कहा था कि जिला अध्यक्ष ने अपने क्षेत्र बबेरू मे व खास सदस्यों के बीच बजट वितरण किया है। उनकी मांग थी कि 13 वें और 14 वें वित्तीय बजट को सभी सदस्यों के मध्य विकास के दृष्टिकोण से बराबर बांट दिया जाए। यह सारे वीडियो वायरल होने पर जिला पंचायत अध्यक्ष व बैठक की किरकिरी शुरू हो गई थी। उधर भरत सिंह ने आरोप लगाया था कि ज़िला पंचायत अध्यक्ष बैठक को बीच मे ही छोड़कर चले गए। वहीं बाद मे अपना पक्ष रखने को प्रेसवार्ता की गई थी।


जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा आयोजित बैठक / प्रस्ताव को मंडल आयुक्त ने निषेध कर दिया-


एक दिन पूर्व ही मंडल आयुक्त श्री अजीत कुमार ने वायरल वीडियो व शिकायत को संज्ञान लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा की गई बैठाक को निषेध करार दिया। शिकायत कर्ता आरोप लगाए थे कि बैठक का कोरम पूरा नही था। वहीं पदेन सदस्यों की बात नही सुनी गई। मंडल आयुक्त के इस वायरल पत्र से सदर विधायक खेमें मे खुशी का माहौल था।


ज़िला पंचायत अध्यक्ष भी आयुक्त से मिले-


ज़िला पंचायत अध्यक्ष की बैठक को अवैध घोषित करने से आहत अध्यक्ष सुनील पटेल अपने समर्थित सदस्यों के साथ बीते एक दिन पूर्व मंडल आयुक्त श्री अजीत कुमार से औपचारिक भेंट व वार्ता की है। उन्होंने दावा किया है कि उनके साथ 20 से 25 जिला पंचायत सदस्यों का पूरा समर्थन है। उक्त बैठक कोरम पूरा होने पर आयोजित की गई थी। वहीं सदर विधायक गुट के सदस्यों / समर्थकों ने जिला पंचायत अध्यक्ष के कार्यकाल मे हुई पंचायत विकास कार्यों पर वित्तीय गबन के आरोप लगाएं है। उन्होंने दावा किया है कि इसकी जांच से परेशान ज़िला पंचायत अध्यक्ष मनमानी कर रहें है।

वहीं महत्वपूर्ण यह भी है कि कुछ अर्सा पूर्व सदर विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष के मध्य संबंध मधुर थे। यहां तक कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव मे आपसी तालमेल के साथ कुर्सी पर विजय भी हासिल हुई थी। लेकिन 2027 के विधानसभा चुनावों मे अपनी-अपनी लोकप्रियता को वर्चस्व की दौड़ मे आगे रखने की गोलबंदी ने यह खटास जनता के विकास कार्यो तक पहुंचा दी है। सूत्र कहते है ज़िला पंचायत अध्यक्ष भी आगामी विधानसभा चुनाव मे बबेरू क्षेत्र से दावेदार हो सकते है। फिर राजनीतिक भविष्य मे कुछ भी भविष्यवाणी करना उचित व गारंटी पूर्ण नही होता है। अब देखना यह होगा कि जिला पंचायत अध्यक्ष और सदर विधायक की यह राजनीतिक नूराकुश्ती किस सोपान तक जाती है।

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