पढ़िए- पीड़ित के दर्द की दास्तां; पति ने रात में लकड़ी लाने के बहाने जंगल ले जाकर हाथ काटे, मरा समझकर छोड़ गया

चरित्र पर शक में पति हैवान बन गया। उसने कुल्हाड़ी से पत्नी के दोनों हाथ काट दिए। मंगलवार को महिला अपने ससुर के साथ सागर से भोपाल के हमीदिया अस्पताल पहुंची। यहां डॉक्टरों की टीम ने 9 घंटे के ऑपरेशन के बाद उसके दोनों हाथ जोड़ दिए। डॉक्टरों का कहना है कि हाथ में मूवमेंट दिखा है। हालांकि, 3 से 4 दिन बाद पता चलेगा कि हाथ काम करेंगे या नहीं।

अस्पताल में भर्ती आरती ने सुनाई हैवानियत की दासतां
‘शादी के 15 दिनों बाद ही पति रणधीर झगड़ा करने लगा था। सोमवार रात को सब लोग खाना खाकर सो गए थे। रात के करीब 11 बज रहे होंगे। रणधीर ने जंगल से लकड़ी लाने की बात कही। मैंने कहा कि इतनी रात को क्यों? कल सुबह चलेंगे। इस पर उसने कहा कि लकड़ी कटी रखी है, बस उठाकर लानी है। हम लोग घर से निकल गए। गांव से नदी के पुल के आगे जाकर उसने पूछा कि कहां से काटे। मैंने कहा, ऊपर से काट लो। इस पर उसने लकड़ी की जगह मुझ पर ही कुल्हाड़ी से वार करना शुरू कर दिया। मेरे दोनों हाथ खून से लथपथ हो गए। मैं जमीन पर गिर पड़ी। इसके बाद रणधीर चला गया।’

‘मैंने इस बीच सड़क से निकलती कारों और ट्रकों को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुझे नहीं देखा। रणधीर मुझे देखकर दोबारा मेरी तरफ आया। मैं बेहोश होने का नाटक कर जमीन पर गिर पड़ी। इसके बाद वह लौट गया और एक ट्रक में बैठकर चला गया। मैं पहली बार जंगल गई थी। जैसे-तैसे उसी रास्ते से घर पहुंची और परिजन को घटना के बारे में बताया।’

ढाई महीने पहले ही रणधीर और अनीता ने कोर्ट मैरिज की थी
अनीता ने बताया, ‘हमने करीब ढाई महीने पहले 8 जनवरी को कोर्ट मैरिज की थी। पांच साल पहले रायसेन के फुल्वारा में एक शादी समारोह में हमारी मुलाकात हुई थी। शादी करने के बाद 15 दिन तक तो अच्छी तरह बात करता था, लेकिन अचानक मुझ पर शक करने लगा। वह कहता था कि तुम किसी और से बात करती हो। मैंने कहा कि क्यों किसी से बात करुंगी। मैंने तो आपसे लव मैरिज की है।’

पिता ने कहा- मेरी लड़की मर गई, सुसर ही इलाज करा रहे हैं
आरती का मायका सीहोर जिले के सातयोग गांव में है। घर में माता-पिता और 2 छोटे भाई-बहन है। शादी के बाद घर पर बात करने के लिए संपर्क किया, लेकिन पिता ने कहा कि मेरी लड़की मेरे लिए मर गई। इसके बाद से परिवार वालों से कोई बात नहीं हुई। उधर, आरती के ससुर नारायण सिंह ही अस्पताल में उसकी देखरेख कर रहे हैं। वह कहते है, ‘मेरे तीन लड़के थे। अब तीसरा मर गया। मेरा उससे कोई लेना देना नहीं है।’

डॉक्टरों ने 9 घंटे ऑपरेशन कर जोड़े 95% तक कटे हाथ
हमीदिया अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्राध्यापक डॉक्टर आनंद गौतम ने बताया कि पीड़ित को लेकर उसके परिजन मंगलवार को 1 बजे आए थे। उसका दायां हाथ 90-95% और बायां हाथ 95% कट चुका था। हमने दोनों हाथ जोड़ दिए हैं। आज सुबह उसके हाथ में मूवमेंट दिखा है। मरीज अपना हाथ हिला पा रही है। फिर भी हाथ के काम करने के बारे में तीन से चार दिन बाद पता चल पाएगा।

इन डॉक्टरों की टीम ने किया ऑपरेशन
बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग से प्राध्यापक डॉक्टर आनंद गौतम, डॉक्टर अंबर, डॉक्टर सौम्य, ऑर्थोपेडिक्स विभाग से डॉ. मनीष राजपूत, एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. दीपेश, डॉक्टर वंदना और उनकी टीम ऑपरेशन में शामिल थे।

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