
आप ने किसान विरोधी बिल बताते हुए लखनऊ में किया प्रदर्शन, लाठीचार्ज
लखनऊ। संसद में पारित हुए कृषि विधेयकों को किसान विरोधी बिल बताते हुए आम आदमी पार्टी ने उसके खिलाफ सोमवार को सड़क पर संघर्ष किया। आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह के नेतृत्व में लखनऊ में जीपीओ पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया और प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह सहित सभी को गिरफ्तार कर ईको गार्डन ले गई।
इन विधेयकों कोकिसान विरोधी बिल बताते हुए आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने इसे काला कानून बताया और कहा कि किसानों की फसल की लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने, किसानों की आय दोगुनी करने के वादे को पूरा करने में नाकाम मोदी सरकार किसानों को पूँजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है।
किसान विरोधी बिल खेती को पूंजीपतियों के हवाले करने की साजिश
उन्होंने कहा, “आए दिन आत्महत्या कर रहे किसानों का दुख दर्द सुनने की बजाय यह किसान विरोधी बिल लाये जो पूरे कृषि क्षेत्र को पूंजीपतियों के हवाले करने की साजिश है।
उन्होंने कहा, “देश में सर्वाधिक आबादी वाले इस उत्तर प्रदेश में किसानों की हालत पहले से ही बदतर है। प्रदेश की योगी सरकार किसानों को खाद, बीज, बिजली, पानी उपलब्ध करवाने में असमर्थ है। गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान नहीं हो रहा है। प्रदेश का किसान आत्महत्या को मजबूर है। ऐसे समय भी मोदी-योगी सरकार पूंजीपतियों के साथ खड़ी है।”
सभाजीत ने कहा आम आदमी पार्टी हमेशा किसानों के हक में खड़ी है और उनके साथ अन्याय नहीं होने देगी।
किसान प्रकोष्ठ ने भी कहा किसान विरोधी बिल
किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष महेश त्यागी ने भी इसे किसान विरोधी बिल बताते हुए सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, “मोदी-योगी सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। हम इसके खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे।
विरोध-प्रदर्शन के साथ ही आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। पार्टी ने कहा कि केंद्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी की सरकार को उन 80 प्रतिशत लोगों की कोई चिंता नहीं है, जो गाँव में रहते हैं और कृषि पर निर्भर हैं। एमएसपी ऑर्डिनेंस बिल इस बात का जीता जागता प्रमाण है।

खत्म हो जाएगी धान और गेहूं की एमएसपी
ज्ञापन के जरिये “आप” ने कहा कि कृषि को प्राइवेट हाथों में देने के लिए यह यह किसान विरोधी बिल लाया गया है। इस बिल के कारण धान और गेहूं की एमएसपी खत्म हो जाएगी। बिल के माध्यम से सरकार ने प्राइवेट कंपनियों को कृषि सेक्टर को हड़पने की खुली छूट दे दी है।
केंद्र सरकार द्वारा एयरपोर्ट, एलआईसी, बैंक, एयर इंडिया बेचने के अलावा रेलवे का निजीकरण करने पर नाराजगी जताते हुए, आम आदमी पार्टी ने कहा कि अब प्रधानमंत्री मोदी इस किसान अध्यादेश के माध्यम से किसानों की खेती को भी छीनना चाहते हैं।
इस बिल के पास होने से बड़े-बड़े पूंजिपतियों को कृषि क्षेत्र में आने का मौका मिलेगा। 10-20 एकड़ जमीन के क्लस्टर बनेंगे और पूंजीपति कहीं से भी फसल खरीद कर, देश में कहीं भी उसका भंडारण कर सकेंगे।
आपको बता दें कि इस अध्यादेश के पारित होने के बाद किसी भी जरूरी वस्तु को कहीं भी इकट्ठा करने, जरूरी वस्तुओं का जितना चाहे उतना भंडारण करने और जब मन चाहे उसे बेचने की स्वीकृति मिल गई है।
विरोध प्रदर्शन में प्रदेश महिला अध्यक्षा नीलम यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान लतीफ़, प्रदेश सह प्रभारी नदीम अशरफ जायसी, प्रदेश सचिव विनय पटेल, प्रदेश उपाध्यक्ष सरबजीत सिंह मक्कड़, प्रदेश सचिव अंकुश चौधरी, यूथ विंग के जिला अध्यक्ष ललित कुमार बाल्मीकि, शाहबाज खान, अफरोज आलम, रेहान, शुभम, सागर तिवारी, ललित तिवारी, ईरम शबरेज़, पंकज यादव,, सागर तिवारी, मजीद, मोहमद तकी, अली मौजूद थे।