'राजाभैया' पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली दोनों महिलाओं ने दिए 161 व 164 के बयान…. | Soochana Sansar

‘राजाभैया’ पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली दोनों महिलाओं ने दिए 161 व 164 के बयान….

@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा

“उत्तरप्रदेश के बाँदा मे 17 दिसंबर को विद्याधाम समिति एवं चिंगारी संगठन संचालक ‘राजाभैया’ पर दलित युवती द्वारा दुष्कर्म और राजपूत महिला ने छेड़छाड़ का क्रमशः मुकदमा अपराध संख्या 0314/2024 व 0315/2024 थाना अतर्रा मे लिखाया था। बीते 17 दिसंबर से 22 दिसंबर तक ज़िला अस्पताल मे भर्ती रही एक दलित युवती ने 23 दिसंबर को डिस्चार्ज होने बाद 161 के बयान साथ वाली युवती के साथ दर्ज कराए है। रविवार को दोनों का नरैनी मे पुलिस ने मेडिकल कराया और सोमवार को 164 के कलमबंद बयान ज़िला न्यायालय मे कराए है।”


बाँदा। यूपी के बाँदा से तहसील अतर्रा का हाल ही मे बहुचर्चित यौन शोषण अपराध प्रकरण सामने आया था। अतर्रा-नरैनी क्षेत्र मे दो दशक से संचालित राजाभैया की विद्याधाम समिति / चिंगारी संगठन से जुड़ी दो युवतियों ने वर्ष 2016 के बाद एक बार पुनः मुंह खोला है। दोनों युवतियों ने संस्था सचिव राजाभैया पर गम्भीर प्रकृति के यौनाचारों / अपराधों / शोषण से तरबतर इबारत अपनी एफआईआर के प्रार्थना पत्र मे लिखकर थाने मे दी थी। इधर पांच दिसंबर को दिए प्रार्थना पत्र पर हीलाहवाली चलती रही तो दोनों युवतियों ने 13 दिसंबर को एक साथ अलग-अलग पुनः प्रार्थना पत्र अपर एसपी बाँदा श्री शिवराज जी को दिया था। फिर नगर कोतवाली पहुंची, अपर एसपी के आदेश पर अतर्रा थाने गई तब अतर्रा एसएचओ ने उनसे प्रार्थना पत्र लिया। उल्लेखनीय है कि 13 दिसम्बर से मुख्य पीड़िता मानिकपुर के ग्राम बगदरी निवासी दलित युवती अचानक गायब हो जाती है। वहीं उसकी मोबाइल लोकेशन और अन्य जानकारी मिलना बंद हो जाती है। युवती न तो मानिकपुर अपने परिजनों के पास पहुंची थी। और न ही हालमुक़ाम नरैनी मे लिए किराए के कमरे पर उसकी खबर मिलती है। गौरतलब है कि 16 दिसंबर को अतर्रा ग्रामीण रहवासी दूसरी युवती जब एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर जारी करती है तब अगले सुबह 17 दिसंबर को मानिकपुर के ओहन जंगल रेलवे ट्रैक पर लाइन मैन को बेसुध हलात मे युवती पड़ी मिलती है। लाइन मैन स्टेशन मास्टर को जानकारी देता है। तब युवती स्टेशन लाई जाती है और कुछ अचेतन अवस्था खत्म होने पर अतर्रा ग्रामीण युवती के पति का नम्बर स्टेशन मास्टर को देती है। युवती की धोती फटी थी,शरीर जख्मी था और शरीर से हल्की ब्लीडिंग हो रही थी। वह कुछ भी बता पाने की स्थिति मे नही थी। अलबत्ता अतर्रा ग्रामीण युवती का पति फोन पर दलित पीड़िता से बात करता है और पूरी जानकारी अपनी पत्नी को देता है। बतलाते चले कि चित्रकूट के कर्वी रहवासी एक समाज सेविका एवं लैंगिक अपराध रोकथाम समिति से जुड़ी माया जी स्थानीय चित्रकूट पुलिस प्रशासन को जानकारी देती है। वे कुछ क्षेत्रीय पत्रकारों को भी सूचना देती है लेकिन घटनास्थल पर कोई नही पहुंचता है। तब बाँदा से अतर्रा ग्रामीण पीड़िता का पति दो परिचित महिलाओं गीता व एक अन्य को लेकर मौके पर पहुंचता है। वो 112 नम्बर डायल करते है। पुलिस आती है और युवती बरामद करती है। फौरी कार्यवाही एवं लिखापढ़ी के बाद सरैयां पुलिस चौकी मे होती है और वे युवती को उसके परिचितों को सुपुर्द कर देते है।


गत 17 दिसंबर को दर्ज होती है एफआईआर-

वाद से जुड़ी पुरानी खबर को नीचे लिंक मे पढ़े-

https://soochanasansar.in/vidya-dham-samiti-and-chingaari-founder-raja-bhaiya-two-fir-17-disambar-2024/


विद्याधाम समिति व चिंगारी संचालक राजाभैया पर 17 दिसंबर को दो अलग-अलग मुकदमे लिखे जाते है। पहला मुकदमा अपराध संख्या 0314/2024 धारा आईपीसी ( घटनाक्रम वर्ष 2020 व 2021 से जुड़ा है। ) 376, 504, 506, 120-बी व अनुसूचित जाति उत्पीड़न एक्ट 3 (2) एससी. एसटी मे लिखा जाता है। वहीं दूसरा मुकदमा 0315/2024 धारा 354, 506 मे दर्ज होता है। यह दोनों मुकदमे अतर्रा थाना अंतर्गत है। बतलाते चले इधर राजाभैया एफआईआर से बचने के लिए पहले सहयोगी व चिंगारी संयोजिका मुबीना खान से दोनों युवतियों के विरुद्ध षड़यंत्र रचकर गांव से कुछ महिलाओं का वीडियो संदेश पीड़िताओं को चारित्रिक बदनाम करने को जारी करवाते है। फिर इस पर भी तसल्ली न होने होने पर खुलेआम वीडीएस मीडिया ग्रुप मे मुबीना की एक पोस्ट से विवादित शब्द लिखकर धमकी दी जाती है। वह स्क्रीन शाट खबर के साथ लगे है।

एफआईआर दर्ज होने से पहले बेखौफ राजाभैया अपर एसपी साहब से 9 दिसंबर को मिलने आते है। फिर 15 दिसंबर को एसपी बाँदा से भेंट करते है। तब दोनों युवतियों मे अकेलेपन व राजाभैया की दहशत के चलते लोगों का जुड़ाव होता है। इसमे सुमन सिंह चौहान गुलाबी गैंग गुट सामने आता है और युवतियों का साथ देता है। उधर गुलाबी गैंग की संपत पाल अतर्रा ग्रामीण वाली युवती से मोबाइल पर तंज भरा संवाद करती है जिसका ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता है। खैर संपत इस मामलें से खुद को अलग करके युवतियों का साथ छोड़ देती है। इधर राजाभैया पर राजनीतिक कृपादृष्टि और ज़िले मे समाज सेवा की गद्दी चलाने वाले कुछ छद्म बौद्धिक वर्ग सहित मेनस्ट्रीम मीडिया की लामबंदी हो जाती है। खबरों का उजाला बिरखेने वाले से हिंदुस्तान मे बेटियों की लाज बचाने वाले तक इस मामले पर जनता का जागरण करना बंद कर देते है। वहीं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कलमकारों मे अजगर को ब्रेकिंग बनाने की होड़ मच जाती है। ठीक वैसे जैसे बालू, मौरम के सत्र मे अवैध खनन की गर्माहट भरी खबरें रोजाना सुर्खियां बनती है।

दोनों युवतियों के हुए 161 व 164 के बयान लेकिन राजाभैया आजाद-


विडंबना देखिए बाँदा के पुलिस महकमे की और कोफ्त करिये इस बेदम व्यवस्था पर कि बाँदा डकैती कोर्ट से मुकदमा अपराध संख्या 457/2022 नगर कोतवाली बाँदा मे लगातार अनुपस्थिति पर बी-डब्ल्यू वारंट झेलने वाले राजाभैया ( सचिव विद्याधाम व चिंगारी प्रमुख ) पर लगातार दो युवतियों के संगीन आरोप एवं मुकदमा दर्ज होने के बावजूद अभियुक्त फरार व आजाद है। बेखौफ आरोपी व्हाट्सएप पर युवतियों से संबंधित ऑडियो समिति के ग्रुप मे डालता है। वहीं लखनऊ तक दौड़ हो रही है। यही नही ज़िले का हर कद्दावर आदमी राजाभैया को बचाने मे मुस्तैद है। कमोबेश यही काम राजाभैया को संरक्षण देने मे पूर्व तत्कालीन आईओ श्री राकेश पांडेय ने वर्ष 2016 मे मुकदमा अपराध संख्या 037/2016 धारा 376 (2 एफ), आईटी एक्ट मे किया था। यह केस विद्याधाम समिति संचालक पर उन्ही की एक अन्य युवती कार्यकर्ता ग्राम अनथुआ निवासी ने लगातार शारिरिक यौन शोषण के बाद इसी अतर्रा थाने मे दर्ज कराया था। ज़िले मे पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों को इन्ही राजाभैया ने अपनी चिंगारी से झुलसा दिया। जेल भिजवाया लेकिन आज वही ब्यूरोक्रेसी और सड़ी व्यवस्था बेधड़क राजाभैया को आजाद किये है। इस मामले मे दोनों पीड़िताओं का स्पष्ट कहना है कि गिरफ्तारी न होने पर वे सीएम योगी महराज जी की चौखट तक दस्तक देंगी। यह घटनाक्रम पूरे समाज को कलंकित करने जैसा है।

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