भाजपा को बड़ा झटका, मुकुल रॉय व उनके बेटे शुभ्रांशु तृणमूल में हुए शामिल | Bengal Latest News

बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद शुक्रवार को भाजपा को एक बड़ा झटका लगा। राज्य में पार्टी के बड़े नेता व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय भाजपा का साथ छोड़कर करीब चार साल बाद वापस तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की उपस्थिति में कोलकाता स्थित तृणमूल भवन में उन्होंने पार्टी का दामन थामा।मुकुल के साथ उनके बेटे व पूर्व विधायक शुभ्रांशु रॉय भी तृणमूल में शामिल हो गए। ममता के भतीजे सांसद व तृणमूल के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मुकुल व शुभ्रांशु को उत्तरीय पहनाकर दल में स्वागत किया।

Mukul Roy Trinamool Congress Joining Speculations BJP Leader May Join TMC  Today

एक समय मुकुल, ममता के सबसे खास माने जाते थे। यूपीए-2 सरकार में वे तृणमूल कोटे से कुछ समय के लिए रेल मंत्री भी रहे थे। हालांकि मतभेद के बाद सितंबर, 2017 में उन्होंने तृणमूल से इस्तीफा दे दिया था और नवंबर, 2017 में उन्होंने भाजपा का झंडा थाम लिया था। मुकुल को इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने नदिया के कृष्णानगर उत्तर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में भी उतारा था और उन्होंने जीत भी दर्ज की। हालांकि उनके बेटे शुभ्रांशु इस बार बीजपुर से चुनाव हार गए।

मुकुल ने गद्दारी नहीं की, गद्दारों को वापस नहीं लेंगे : ममता

मुकुल रॉय के टीएमसी में वापसी के मौके पर ममता ने कहा कि मुकुल घर का लड़का है, घर में वापस आया है।मुकुल का पार्टी में स्वागत है।मुकुल को धमकाकर व विभिन्न एजेंसियों का डर दिखाकर भाजपा, तृणमूल से तोड़कर ले गई थी। मैंने महसूस किया है टीएमसी में वापस आकर मुकुल को मानसिक शांति मिली है। मेरा मुकुल के साथ कोई मतभेद नहीं है। मुकुल ने हमारे साथ विधानसभा चुनाव में कोई गद्दारी नहीं की।ममता ने साथ ही कहा कि और भी बहुत सारे लोग टीएमसी में वापस आना चाहते हैं, लेकिन जिन लोगों ने पैसा और पावर के लिए टीएमसी के साथ गद्दारी की, उन्हें पार्टी में नहीं लेंगे।मुकुल को पार्टी में पद देने के सवाल पर ममता ने कहा कि उन्हें जल्द बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। मुकुल पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका में होंगे।

बंगाल में जो स्थिति है, भाजपा में कोई नहीं रहेगा : मुकुल

वहीं, मुकुल ने कहा, ‘मुझे टीएमसी में वापस आकर बहुत अच्‍छा लग रहा है। मैं भाजपा में काम नहीं कर पाया, इसलिए अपने पुराने घर वापस आ गया। उन्होंने साथ ही कहा कि अभी बंगाल में जो स्थिति है, उसमें कोई भाजपा में नहीं रहेगा। बंगाल ममता का है और रहेगा। मुकुल ने यह भी कहा कि उन्होंने भाजपा क्यों छोड़ी है इस बारे में बाद में विस्तार से बताएंगे। बता दें कि 2017 में सबसे पहले टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद मुकुल ने ही बड़ी संख्या में टीएमसी नेताओं को भाजपा ज्वाइन कराई थी। सारधा चिटफंड घोटाले व नारद स्टिंग कांड में भी मुकुल का नाम सामने आ चुका है।

तृणमूल में शामिल होने से पहले मुकुल और ममता के बीच तृणमूल भवन में दोपहर लंबी बैठक हुई।दरअसल, चुनाव नतीजों के बाद से ही मुकुल व उनके बेटे की तृणमूल में घर वापसी की लगातार अटकलें चल रही थी। वे दोनों कुछ समय से भाजपा से दूरी बनाकर चल रहे थे। आखिरकार तृणमूल में उनके शामिल होने के साथ तमाम अटकलों पर विराम लग गया। मुकुल, तृणमूल के संस्थापक सदस्यों में से रहे हैं।

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