कविता को लेकर भ्रम, हरिवंश राय बच्चन की नहीं प्रसून जोशी की है कविता | Amitabh Bachchan

कोरोना काल में लोगों में सकारात्मकता जगाने के लिए अमिताभ बच्चन ने एक वीडियो जारी किया। हिंदी और अंग्रेजी में जारी करीब चार मिनट के इस वीडियो का आरंभ अमिताभ बच्चन ने एक कविता की कुछ पंक्तियों से किया है। अमिताभ बच्चन ने जब ये वीडियो पहली बार ट्वीट किया तो स्पष्ट तौर पर कहा कि कविता की ये पंक्तियां उनके पिता हरिवंश राय बच्चन की हैं। उसके बाद वहां से लेकर कई लोगों ने इसको इंटरनेट मीडिया में वायरल कर दिया, लेकिन यहां अमिताभ बच्चन से चूक हो गई। 

Amitabh Bachchan apologises for attributing Prasoon Joshi's poem to his  father

दरअसल, अमिताभ बच्चन ने अपने वीडियो में जो कविता पढ़ी है वो कवि और गीतकार प्रसून जोशी की कई वर्षों पहले लिखी गई एक कविता ‘रुके न तू’ से ली गई है। इंटरनेट पर जब अमिताभ की पढ़ी ये कविता वायरल हुई, तो कुछ लोगों ने अमिताभ का ध्यान इस ओर दिलाया कि ये कविता प्रसून जोशी की है। इसके बाद अमिताभ बच्चन ने वो वीडिया हटा लिया। इसको लेकर दैनिक जागरण ने प्रसून जोशी से बात की। प्रसून के मुताबिक, ‘वर्षों पहले लिखी मेरी कविता “रुके न तू” यदि आज किसी को सम्बल देती है,आशा का संचार करती है तो मैं नतमस्तक हूं। मेरी इस कविता को आदरणीय अमिताभ बच्चन जी ने हृदय से पढ़ा है उनका धन्यवाद। इंटरनेट पर कुछ स्थानों पर बिना किसी जांच के इस कविता को श्रद्धेय श्री हरिवंश राय बच्चन की रचना कह कर प्रस्तुत किया है। यदि पाठकों को मेरी इस रचना में उनकी छाया दिखती है तो यह मेरा सौभाग्य है। बस माँ सरस्वती का आशीर्वाद बना रहे।’ 

प्रसून जोशी की जिस कविता के अंश को अमिताभ बच्चन ने पढ़ा है वो पूरी कविता ये है

धरा हिला गगन गुंजा

नदी बहा पवन चला

विजय तेरी हो जय तेरी

ज्योति सी जला जला

भुजा भुजा फड़क फड़क

रक्त में धड़क धड़क

धनुष उठा प्रहार कर

तू सबसे पहले वार कर

अग्नि सा धधक धधक

हिरण सा सजग सजग

सिंह सी दहाड़ कर

शंख सी पुकार कर

सालों पहले लिखी प्रसून की इस कविता को बच्चन जी की कविता जब बात बहुत आगे बढ़ी को अमिताभ बच्चन ने अपना पुराना वीडियो डिलीट कर दिया और नए वीडियो में वो अंश हटाकर फिर से ट्विट किया। अब ट्वीट में इसके रचयिता के तौर पर प्रसून जोशी का नाम लिखा। पहले भी अमिताभ बच्चन को अपने पिता की कविता को लेकर भ्रम होता रहा है। 2015 में भी अमिताभ बच्चन की वजह से एक कविता को लेकर भ्रम फैला था। सोहनलाल द्विवेदी की कविता है- कोशिश करनेवालों की हार नहीं होती। इसको भी बच्चन जी बता दी गई थी, लेकिन बाद में अमिताभ बच्चन ने तब सफाई देते हुए लिखा था कि ‘एक बात आज स्पष्ट हो गई, ये जो कविता है, कोशिश करनेवाले की कभी हार नहीं होती’ ये कविता बाबूजी की लिखित नहीं है। इसके रचयिता हैं सोहन लाल द्विवेदी, कृपया इस कविता को बाबूजी, डॉ हरिवंश राय बच्चन के नाम पे न दें..ये उन्होंने नहीं लिखी है। अमिताभ बच्चन के इस ट्वीट के बाद इस कविता को लेकर इंटरनेट मीडिया में बना भ्रम दूर हुआ था। अब प्रसून जोशी की कविता को लेकर उनको भ्रम हुआ, जिसको उन्होंने बाद में दूर किया। गलती सुधार ली। 

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