@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा
बाँदा। बुंदेलखंड के चित्रकूट धाम मुख्यालय से चंद किलोमीटर दूर केन नदी बहती है। केन के तट पर ही स्थित है भूरागढ़ दुर्ग। आजादी की लड़ाई मे इस किले की बहुत महत्ता रही है। कुछ वर्ष इस पर बाँदा नवाब का भी शासनकाल रहा है। प्रत्येक मकर संक्रांति को यहां बने नटबलि के मंदिर पर भव्य ग्रामीण मेला का आयोजन होता है।
जिसकी चाक-चौबंद व्यवस्था प्रशासन करता है। इस क्रम मे साल 2025 की मकर संक्रांति भी यादगार रही। भूरागढ़ दुर्ग मे लगे नटबलि के प्राचीन मंदिर पर जहां गांव-गांव और शहर से भीड़ जुटी वहीं केन घाट पर नाविकों के साथ जनता की खूब जमती रही।
शहरवासियों ने केन की धार पर नाव से घुमक्कड़ी की तो मेला स्टालों पर देहाती और फ़ास्ट फूड खाद्य वस्तुओं का लुफ्त लिया। महिलाओं ने घर गृहस्थी के समान खरीदने का काम किया। गौरतलब है कि सुबह से स्नान ध्यान और मंदिरों मे दान के बाद घर से खिचड़ी खाकर निकले शहरी और ग्रामीण युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों की टोलियां भूरागढ़ तक सरपट दौड़ रहीं थी। स्थानीय पुलिस बल ने सुरक्षा का मोर्चा संभाला था। जल संस्थान ने पेयजल की व्यवस्था का ज़िम्मा लिया।
हर साल यहां नटबलि के मंदिर मे युवा जोड़े / आशिकों की जोड़ी भी अर्जी लगाती है। नटबलि के मंदिर की पूरी कहानी नीचे लिंक खबर पर पढ़े। पुरानी खबर का नीचे लिंक मे है।
वहीं केन घाट पर दिनभर दंगल, मेला की भव्यता बरकरार रही। जनता के उल्लास मे केन का दर्द और उसकी कम होती धार का दुःख मकर संक्रांति मे रोजमर्रा के संक्रमण की तर्ज पर दबकर रह गया। बैरहाल मेला आयोजन अच्छा रहा। उल्लेखनीय है उत्तरप्रदेश सरकार 10 करोड़ रुपया से भूरागढ़ किले का जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण करा रही है।