सप्तपदी से परास्त होगा कोरोना

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

आज डॉ आंबेडकर जयंती पर नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होने संविधान की प्रस्तावना के पहले शब्द का उल्लेख किया-हम भारत के लोग,,। मोदी ने इनके संयम को प्रशंसनीय बताया। सप्तपदी पर अमल का आह्वान किया। कहा कि सप्तपदी से कोरोना परास्त होगा।
जनसहयोग से कोरोना का प्रकोप कम हुआ। भारत ने इसके लिए जो मार्ग चुना, उंसकी प्रशंसा दुनिया में हो रही है। फिर भी अभी कोरोना को पूरी तरह हराना शेष है। इसलिए लॉक डाउन को बढ़ाने की आवश्यकता है।

इसलिए भारत में लॉक डाउन को तीन मई तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब इसका पहले के मुकाबले ज्यादा कड़ाई से पालन होगा। यह परीक्षा है। जहाँ सुधार होगा, वहां बीस मई के बाद सशर्त व सीमित छूट मिल सकती है। लेकिन लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। सरकार इसके लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी। मोदी ने गरीबों को अपना वृहत परिवार बताया। गाइडलाइन में इनपर फोकस होगा। किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

दवा अनाज का पर्याप्त भंडार है। इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए। कोरोना के मद्देनजर एक लाख बेड व छह सौ विशेष अस्पताल सक्रिय है। कोरोना को नए क्षेत्रों में फैलने से रोकना है। लोगों ने कष्ट सहकर कोरोना का मुकाबला किया। अनेक सस्याओं का सामना करते हुए लोगों ने आत्मसंयम का परिचय दिया। यह डॉ अंबेडकर के प्रति सच्चा सम्मान है।
योगी ने भारत के उत्सवों का भी उल्लेख किया। वैशाखी, फसल कटाई के उत्सव,नव वर्ष के उत्सव है। फिर भी लोग संयम से विचलित नहीं हुए।

विश्व को भारत ने अपने आचरण से सन्देश दिया है। कोरोना की आहट के साथ ही भारत ने तैयारी शुरू कर दी थी। इसके मुकाबले की तैयारी शुरू कर दिया। समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया। पीड़ितों की संख्या पांच सौ थी तब इक्कीस दिन का लॉक डाउन शुरू हो गया था। आज भारत की तुलना में अन्य देशों में कोरोना का पच्चीस प्रतिशत प्रकोप बढा है। तेज फैसलों और जन सहयोग का हमारा रास्ता सही था।

आर्थिक दृष्टि से बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। लेकिन भारतीयों का जीवन अमूल्य है। मोदी ने युवा वैज्ञानिकों का वैक्सीन शोध का आह्वान किया। मोदी ने साथ नियमों के पालन का आह्वान किया। इसके तहत अपने घर के बुजुर्गों का ध्यान,लॉक डाउन की लक्षण रेखा का पालन, घर में बने मास्क का प्रयोग,आयुष नियम का पालन आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करें
गरीब परिवारों की
व्यवसाय में काम करने वालों के प्रति संवेदना
कोरोना सेनानियों के सम्मान करना शामिल है।

Like us share us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *