मोदी की रूस यात्रा रणनीतिक महत्त्व का साबित हुई | Soochana Sansar

मोदी की रूस यात्रा रणनीतिक महत्त्व का साबित हुई

रूस के लिए मोदी की यात्रा रणनीतिक महत्त्व का साबित हुई। रूस का खास प्रयास पश्चिम के इस प्रचार को झुठलाने का है कि उसे अंतरराष्ट्रीय जगत में अलग-थलग कर दिया गया है। इस लिहाज से इस यात्रा का महत्त्व स्पष्ट है।


इसके अलावा भारत के नजरिए एक सफलता यह भी है कि रूस ने अपने प्रतिष्ठित सम्मान- ऑर्डर ऑफ सेंट एंर्ड्यू द अपोस्टल से मोदी को सम्मानित किया। विदेश में मोदी के ऊंच कद की छवि बनाना गुजरे दस साल में भारतीय विदेश नीति का एक खास प्रयास रहा है। इस सम्मान से इस कथा में एक नया पहलू जुड़ा है। उधर रूस के लिए यह यात्रा दूरगामी रणनीतिक महत्त्व का साबित हुई। पिछले सवा दो साल में रूस का खास प्रयास पश्चिम के इस प्रचार को झुठलाने का है कि उसे अंतरराष्ट्रीय जगत में अलग-थलग कर दिया गया है। जिस भारत में अमेरिका ने गुजरे वर्षों में खास रणनीतिक निवेश किया है, उसके प्रधानमंत्री मास्को जाकर पुतिन के गले लगें, तो उसका प्रतीकात्मक महत्त्व स्पष्ट है। रूस और चीन की फिलहाल कोशिश यह है कि भारत को जितना संभव है तटस्थ रखने का प्रयास किया जाए, ताकि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में पश्चिमी रणनीति ऊहापोह की शिकार बनी रहे। इसीलिए चीन में मोदी की मास्को यात्रा का दिल खोल कर स्वागत किया गया है। बेशक, इस यात्रा से अमेरिका की तल्खी बढ़ी है, जो उसके विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया से जाहिर हुआ है। तो कुल मिला कर दोनों पक्षों ने अपने हित साधे। फिलहाल इसमें वे सफल रहे हैं।

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