बहराइच।श्री सिद्धनाथ पीठ में पितरों के मोक्ष हेतु चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिवस में कथाव्यास वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी रवि गिरी जी महाराज जी ने कहा कि परमात्मा ही परम सत्य है। जब हमारी वृत्ति परमात्मा में लगेगी तो संसार गायब हो जाएगा। प्रश्न यह है कि परमात्मा संसार में घुले-मिले हैं तो संसार का नाश होने पर भी परमात्मा का नाश क्यों नहीं होता।इसका उत्तर यही है कि भगवान संसार से जुड़े भी हैं और अलग भी हैं। आकाश में बादल रहता है।

और बादल के अंदर भी आकाश तत्व है। बादल के गायब होने पर भी आकाश गायब नहीं होता। इसी तरह संसार गायब होने पर भी परमात्मा गायब नहीं होते। संसार की कोई भी वस्तु भगवान से अलग नहीं है।कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के घरों से माखन चोरी की। इस घटना के पीछे भी आध्यात्मिक रहस्य है। दूध का सार तत्व माखन है। उन्होंने गोपियों के घर से केवल माखन चुराया अर्थात सार तत्व को ग्रहण किया और असार को छोड़ दिया। भगवान ने पीताम्बर उतार काल यौवन का बध किया। भगवान का विवाह हुआ।कथा व्यास वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी रवि गिरी जी महाराज जी ने कहा किप्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। इसलिए असार यानी संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है।कथा व्यास वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी रवि गिरी जी ने कहा कि वास्तविकता में श्रीकृष्ण केवल ग्वाल-बालों के सखा भर नहीं थे, बल्कि उन्हें दीक्षित करने वाले जगद्गुरु भी थे। श्रीकृष्ण ने उनकी आत्मा का जागरण किया और फिर आत्मिक स्तर पर स्थित रहकर सुंदर जीवन जीने का अनूठा पाठ पढ़ाया।इस अवसर पर थानापति महन्थ नागा बाबा ह्रदेश गिरी, थानापति महन्थ नागा बाबा उमाकांत गिरी नगर के नर नारी सहित गणमान्य जन मौजूद रह कथा श्रवण का पुण्य लाभ लिया।