- दिल्ली आयकर टीम को जांच के छठवें और सातवें दिन 200-300 करोड़ की बोगस बिक्री और स्टॉक मे 80 करोड़ का अंतर मिला।
- आयकर की छापेमारी खत्म अब अघोषित व बेनामी संपति की होगी गहन जांच।
- 15 फर्जी डमी कंपनियों के सहारे 500 करोड़ की अघोषित आय, टीम ने जुटाए दस्तावेज।
हमीरपुर / कानपुर। बुंदेलखंड के जिला हमीरपुर क्षेत्र भरुआ सुमेरपुर मे खुली देश की बड़ी इस्पात व स्टील कंपनी रिमझिम पर आयकर टीम की कार्यवाही लगातार छठवें दिन चलती रही। वहीं सातवें दिन जांच टीम ने दावा किया कि योगेश अग्रवाल जांच मे सहयोग नही कर रहें है। आयकर की टीम ने 500 करोड़ की अघोषित आय के संकेत दिए है। वहीं अब रिमझिम इस्पात समूह की बेनामी संपत्तियों की जांच भी टीम करेगी। बतलाते चले कि हमीरपुर, कानपुर, उन्नाव, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल तक इस इस्पात कंपनी के दफ्तरों पर आयकर ने जांच की है। टीम को करीब 15 बोगस कंपनी समेत एक कागजात मे बन्द कंपनी वंदना के नाम से कारोबार करके मुनाफा अर्जित करने के साक्ष्य मिले है।
रिमझिम पर आयकर की कार्यवाही से जुड़ी पुरानी खबर नीचे लिंक मे है
https://soochanasansar.in/kanpur-hameerpur-rimjhim-espat-and-steel-company-income-tax-red/
रिमझिम इस्पात लिमिटेड के मालिक योगेश अग्रवाल के कानपुर आवास, कारपोरेट दफ्तर तक आयकर की टीम ने दस्तक दी है। संचालक के दोनों बेटों के आईफोन, कंपनी के मोबाइल, कम्प्यूटर, लैपटॉप तक डिकोडिंग किये जा रहे है। टीम ने योगेश पर फर्जी बोगस कंपनी से ज्यादा मुनाफा कमाने व बैलेंस सीट मे पक्का काम को कम मुनाफा के दावे किए है। टीम ने आडिट रिपोर्ट मे अंतर पाया है।
कच्चे पर्चे पर ज्यादा मुनाफा है। जांच के दरम्यान कंपनी के उत्पादन और बिक्री मे गड़बड़ी मिली है। देशभर मे 50 से ज्यादा ठिकाने रिमझिम कंपनी से जुड़े होने पर एक साथ छापेमारी हुई। कानपुर के नवाबगंज स्थित कंपनी के कारपोरेट दफ्तर, दिल्ली प्रतिष्ठान तक कार्यवाही की गई है। टीम ने कहा कि योगेश अग्रवाल ने जांच मे सहयोग नही किया। उन्होंने हर सवाल का जवाब ‘पता नही, याद नही’ दिया। आईफोन व लैपटॉप के पासवर्ड नही बतलाए गए। इसके लिए दिल्ली से विशेषज्ञ बुलाने पड़े। गौरतलब है 500 करोड़ की अघोषित आय के साथ रिमझिम इस्पात लिमिटेड की बेमानी संपति भी जुटाई गई है। देखना होगा कि जांच टीम इस कर चोरी के काले खेल पर कितना कड़ा एक्शन लेकर पारदर्शी संदेश देती है।