दक्षिणी प्रयागराज के सोरांव क्षेत्र, जोगीपुर मे वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री जी को नही मिले 15 हजार पौधे…

@आशीष सागर दीक्षित, प्रयागराज / बाँदा

  • बीते 3 दिसंबर को प्रयागराज कुंभ तैयारियां देखने पहुंचे डॉक्टर अरुण कुमार सक्सेना ने की ग्राउंड पर जांच। डिप्टी रेंजर पर कार्यवाही।
  • वार्षिक पौधरोपण मे यहां 15 हजार पौधरोपण किया गया लेकिन मौके पर मंत्री जी को 20 फीसदी पौधें भी जीवित नही मिले।
  • पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री ने अपने फेसबुक पेज पर जांच की तस्वीरों को साझा कर वनविभाग के लापरवाही की बानगी जनता के सामने रखी।
  • दक्षिणी प्रयागराज क्षेत्र की सोरांव वनरेंज के जोगीपुर मे ज़मीन पर गायब है 15 हजार पौधें।
  • हर साल रिकार्ड और नम्बर बढ़ाने की ख्वाहिश मे यूपी के वनविभाग का यह प्रदेश व्यापी हरित भ्रस्टा रोपण है।
  • जुलाई से सितंबर माह तक पौधरोपण के नाम पर वनविभाग की लगती है लाटरी, खाने कमाने के आते है अच्छे दिन।
  • सूबे मे इस विभाग ने जैम पोर्टल के माध्यम से विभागीय सामग्री / टेंडर निविदा खरीद फरोख्त मे व्यापक गबन किया है। बाँदा इसकी नजीर है। फर्जी फर्मों से जैम पोर्टल पर पोषित है विभाग क़े कारखास सप्लायर।


प्रयागराज / बाँदा। उत्तरप्रदेश के पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री डाक्टर अरुण कुमार सक्सेना जी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर संगम और अध्यात्म की कुंभ नगरी मे व्यवस्थाओं का जायजा लेने बीते मंगलवार 3 दिसंबर को इलाहाबाद पहुंचे थे। आगामी जनवरी माह मे कुंभ का विशाल मेला / उत्सव प्रयागराज मे होना है। इसलिए पूरी यूपी सरकार का कोई न कोई मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी प्रयागराज मे डेरा डाले है।

मुख्यमंत्री जी हर हाल मे कुंभ को भव्य और दिव्य बनाना चाहते है। इस कड़ी मे मुख्यमंत्री जी प्रयागराज की आबोहवा को भी आक्सीजन युक्त, पर्यावरण के दृष्टिकोण से सुरम्य, हरित वातावरण देना चाहते है। जिससे वैश्विक जगत मे इलाहाबाद / कुंभ नगरी प्रयागराज की प्रसिद्धि व आध्यात्मिक सम्रद्धि हो सके। बावजूद इसके प्रयागराज के वन अधिकारी और विभाग बेपरवाह है। प्रयागराज पहुंचे सूबे के पर्यावरण व राज्य वनमंत्री डाक्टर अरुण कुमार सक्सेना जी भ्रमण के दरम्यान शिकायत पर दक्षिणी प्रयागराज क्षेत्र की सोरांव वनरेंज के जोगीपुर पहुंचे थे। उन्होंने ग्राउंड पर अधिकारियों के साथ सत्यता को समझने का प्रयास किया।

पर्यावरण व वन राज्य मंत्री जी को नही मिले 15 हजार मे 20 फीसदी जिंदा पौधे-

सूबे के संवेदनशील पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री डाक्टर अरुण कुमार सक्सेना जी जब टीम के साथ दक्षिणी प्रयागराज क्षेत्र की सोरांव वनरेंज पहुंचे तो जोगीपुर इलाके मे बड़े भूभाग पर 15 हजार पौधरोपण का आंकड़ा स्थानीय वनविभाग कागजों मे सजाकर बैठा था। रेंज के डिप्टी रेंजर से पूछताछ होने लगी तो वह जोगीपुर मे पौधरोपण से खाली ज़मीन पर ताकते नजर आने लगे। अब आते भी क्यों नही जब मौके पर 15 हजार पौधरोपण के दावे पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री जी के सामने बौने व झूठे साबित होने लगे। जांच मे घिरे डिप्टी वनरेंजर 15 हजार मे 20 फीसदी पौधें भी जीवित / हरित नही दिखा सके। अन्तः उन पर कार्यवाही हो गई। वहीं इस खेल में ज़िम्मेदार विभागीय डीएफओ व अन्य वनकर्मियों की कुर्सी फिलहाल सुरक्षित है।

प्रयागराज से बुंदेलखंड के बाँदा तक पौधरोपण का भ्रस्टाचार है-

पौधरोपण के मामलें मे प्रयागराज से बाँदा तक वनविभाग का हरित भ्रष्टाचार चरम पर है। जनता की नजरों से बचा रहने वाला यह विभाग जैम पोर्टल के माध्यम से बाँदा मे फर्जी फ़र्म के सहारे अपने चहेतों को निविदा / सामग्री सप्लाई काम देकर पहले से बढ़ा-चढ़ाकर सामग्री ओवर रेटिंग से गबन की साझी कहानी लिख रहा है। सूचना संसार के पास उन फ़र्म संचालकों के नाम भी है। लेकिन अपने सूचना स्रोत की सुरक्षा भी उतनी ही बड़ी ज़िम्मेदारी है जितनी कि भ्रष्टाचार को बेपर्दा करने का सलीका। हाल ही मे हमने बाँदा के पैलानी क्षेत्र खरेई वन ब्लाक मे खरेई-सांडी मार्ग पर वनभूमि मे वर्ष 2022-23 को हुए सड़क के दोनों तरफ कुल 35 हेक्टेयर पौधरोपण की कंटेंट खबर व वीडियो खबर जारी की है। वन ब्लाक द्वितीय मे 8 हजार 20 हेक्टेयर मे और ब्लाक पंचम मे 6 हजार पौध लगी। कुल 14 हजार लगे फारेस्ट गार्ड अमरेंद्र कुमार यादव बजट नही बतला पाया है। नीचे खबर का लिंक दिया जा रहा है।

खबर 25 नवंबर लिंक https://soochanasansar.in/forest-office-banda-plantation-2022-23/

इस सड़क पर खदानों से हुई विभागीय सेटिंग के चलते तत्कालीन डीएफओ श्री संजय अग्रवाल द्वारा लगवाया सूचनापट भी विगत वर्ष कुछ दिन लगाकर हटा दिया गया है। अब मौरम खदान वाले बेधड़क भारी परिवहन के साथ ओवरलोड निकलते है। सड़क पर लगे सूचनापट अनुसार वनभूमि से 100 मीटर तक भारी वाहनों को निषेध किया गया था। बावजूद इसके खदान संचालन कर्ता को सुविधाएं देते हुए उक्त सूचनापट आज गायब है। सूचना संसार के पास वह लोहे का बोर्ड तस्वीर मे साक्ष्य की शक्ल पर सुरक्षित है। इस खबर मे भी वह लगा रहें है। गौरतलब है यहां हुए 35 हेक्टेयर ( ब्लाक द्वितीय मे 20 हेक्टेयर पौधरोपण व ब्लाक पंचम मे 15 हेक्टेयर पर पौधरोपण हुआ था। ) को आज बाँदा ज़िले में फर्जी पौधरोपण व हरित भ्रष्टाचार के उदाहरण स्वरूप देख सकतें है। पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री जी यहां भी काश कभी श्रीचरणों से पधारकर जांच करें तो बाँदा के जंगल बच सकेंगे। बाकी होना वही है जो वनविभाग की मनमर्जी…।

साल दर साल लाखों पौधरोपण मे खेलते ज़िम्मेदार –

3 दिसंबर वीडियो लिंक https://youtu.be/0Q0ecIp6h3M?si=IcMnp_eZASc2In7O

उत्तरप्रदेश का वनविभाग हर साल विश्व कीर्तिमान स्थापित करने को प्रत्येक ज़िले मे लाखों पौधरोपण जुलाई से सितंबर तक कराता है। इनकी जांच एक दशक के पौधरोपण पर ही कर ली जाए तो बुंदेलखंड सहित राजधानी का पर्यावरण एवं वन विभाग बेनकाब हो सकता है। इस संबंध मे माननीय उच्चन्यायालय मे एक जनहित याचिका 1874/ 2020 भी लंबित है। इन्ही आंकड़ों से पौधरोपण के 4 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड यूपी मे बने है। 


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