दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है हरियाणा का मासूम रुद्राक्ष, इलाज के लिए लगाई पीएम मोदी से गुहार

गुरुग्राम के गांव झाड़सा निवासी पांच वर्षीय रुद्राक्ष सैनी स्पाइन मस्क्युलर अट्रोफी नामक बीमारी से ग्रस्त है। डाक्टरों का कहना है कि बीमारी के इलाज में करोड़ों रुपये लगेंगे। रुद्राक्ष के पिता मोहित सैनी का कहना है कि रुद्राक्ष को एम्स से लेकर देश के बड़े-बड़े अस्पतालों में दिखाया लेकिन इलाज नहीं मिला। इस बीमारी का इलाज अमेरिका में बताया गया, जिसका खर्च करीब पंद्रह से बीस करोड़ रुपये है। परिजनों ने प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है।

इसके लिए केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले से फरियाद की गई थी और मंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख इलाज में सहयोग देने की अपील की है। मोहित ने कहा कि प्रधानमंत्री और प्रदेश सरकार से भी फरियाद कर रहे है लेकिन अभी कही से सहयोग का आश्वासन नहीं मिला है।

स्पाइन मस्क्युलर अट्रोफी नामक बीमारी से पीड़ित रुद्राक्ष की फाइल फोटोः सौ. परिजन

Publish Date:Sun, 07 Mar 2021 12:08 PM (IST)Author: Mangal Yadav

रुद्राक्ष स्वयं बैठ नहीं सकता। वह करवट तक नहीं ले पाता। परिजन बैठाते हैं तब बैठ पाता है। किसी बल गिर जाता है तो वह गिरा ही रहेगा। वरिष्ठ स्पाइन सर्जन डा. अंकुश ने बताया कि यह बीमारी बहुत कम बच्चों में मिलती है। भारत में इसका इलाज नहीं है।

गुरुग्राम [अनिल भारद्वाज]। गुरुग्राम के गांव झाड़सा निवासी पांच वर्षीय रुद्राक्ष सैनी स्पाइन मस्क्युलर अट्रोफी नामक बीमारी से ग्रस्त है। डाक्टरों का कहना है कि बीमारी के इलाज में करोड़ों रुपये लगेंगे। रुद्राक्ष के पिता मोहित सैनी का कहना है कि रुद्राक्ष को एम्स से लेकर देश के बड़े-बड़े अस्पतालों में दिखाया लेकिन इलाज नहीं मिला। इस बीमारी का इलाज अमेरिका में बताया गया, जिसका खर्च करीब पंद्रह से बीस करोड़ रुपये है। परिजनों ने प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है।

इसके लिए केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले से फरियाद की गई थी और मंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख इलाज में सहयोग देने की अपील की है। मोहित ने कहा कि प्रधानमंत्री और प्रदेश सरकार से भी फरियादबीमारी से ग्रस्त यह बच्चा जब छोटा था तो पैरों को हिलाता था लेकिन जैसे जैसे बड़ा होता गया, तो पैर हिलाने बंद हो गए। अब वह चल नहीं पा रहा है। इस बीमारी में शरीर का निचला हिस्सा बिल्कुल काम नहीं करता है। एम्स व देश के अन्य मेडिकल कालेजों में इस बीमारी की दवा का ट्रायल चल रहा बताया जा रहा है। मोहित का कहना है कि वह ई-रिक्शा बनाते हैं लेकिन आजकल कोरोना के कारण काम बंद है और परिवार इतना महंगा इलाज कराने में सक्षम नहीं है।

Like us share us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *