जालौन/उरई।(आरएनएस ) लोकगीत गायक देशराज पटैरिया के आकस्मिक निधन पर शोकसभा संपन्न हुई। जिसमें उन्हें याद कर श्रृद्धांजलि दी गई।
कवि व व्यंग्यकार महेंद्र पाटकार के आवास पर संपन्न हुई शोकसभा में महेंद्र पाटकार मृदुल ने देशराज पटैरिया को याद करते हुए कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में देशराज का जाना एक युग के समाप्त होने जैसा है। उनके बुंदेलीभाषा में गाये गए लोकगीत लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं। अपने लोकगीतों के माध्यम से उन्होंने बुंदेली भाषा को एक नए मुकाम पर पहुंचाया है। उनके द्वारा गाये गीतों की विशेषता रही है कि जो वर्णन वह करते थे लोग उसे अंदर तक महसूस करते हैं। उनके कार्यक्रमों में सहयोग करते रहे महेश चैधरी ने कहा कि देशराज पटैरिया का जालौन से पुराना नाता रहा है। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले श्रीबाराहीं देवी मेला एवं विकास प्रदर्शनी में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में उन्हें सुनने के लिए नगर से ही नहीं क्षेत्र के लोग भी बड़ी संख्या में आते थे। उनका अचानक से चले जाना किसी वेदना से कम नहीं है। अंत में मौजूद लोगों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रृद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन धारण कर दिवंत आत्मा की शांति व परिवार को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की। इस मौके पर बृजेश मिश्रा, संतोष सौनकिया नवरस, राघवेंद्र सिंह राघव आदि मौजूद रहे।