कानपुर। शहर में बर्ड फ्लू के चलते पांच दिन तक बंद रहे चिकन और अंडों के व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है। करीब 12 करोड़ के नुकसान के बाद जिला प्रशासन ने दुकानों को खोलने का आदेश जारी कर दिया है। हालांकि चिड़ियाघर से एक किलोमीटर की परिधि की दुकानें बंद रही।
गुरुवार को चिकन,अंडे की दुकानें तो खुलीं लेकिन सन्नाटा रहा। कारोबारियों का कहना है कि माल न होने की वजह से सन्नाटा रहा। इसके अलावा लोगों में अभी डर भी है। रामादेवी में अंडों के थोक व्यापारी बिटटू कालरा ने बताया कि जिला प्रशासन की नई गाइड लाइन जारी होने के बाद रामादेवी व आसपास अंडों की बिक्री शुरू हो गई। हालांकि मांग कम रही। बाकरगंज पोल्ट्री व्यापार मंडल के अध्यक्ष मो.रईस मंसूरी ने बताया कि माल न होने से बिक्री नहीं शुरू हो पाई।
मुर्गों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद जिला प्रशासन ने चिड़ियाघर से 10 किलोमीटर की परिधि की अंडा-चिकन की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया था। हालांकि दहशत के चलते लगभग पूरे शहर में बंदी का माहौल रहा। ग्राहक भी दूरी बनाए हुए हैं,इस वजह से भी लोगों ने दुकानें बंद रखीं। कानपूर चिड़ियाघर में भोपाल के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ है सिक्योरिटी एनिमल डिजीज की रिपोर्ट में पानी के नमूने भी पॉजिटिव पाए गए है। ऐसे में चिड़ियाघर में पानी पीने वाले 647 पक्षियों के जीवन पर भी संकट के बादल मंडरा रहे है। जबकि इसी रिपोर्ट में यहाँ मृत पाए गए दो कौवो में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इसके बाद आनन फानन में चिड़ियाघर प्रशासन ने निजी कम्पनी को बुलाकर पानी में क्रोसोलीन पीएच और जेर्मिसाइस स्प्रे का छिड़काव करवाया। वहीं गुरुवार को भी झील के आसपास व बाड़ों में पक्षियों की निगरानी की गयी।
दो दिन बाद आएगी रिपोर्ट बता दे कि रेड जंगल फ़ाउल की बीती 9 जनवरी को भोपाल से आई रिपोर्ट में बर्ड फ्लू पाया गया था। इसके बाद यहाँ से दो मृत कौवो को भी भोपाल के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ है सिक्योरिटी एनिमल डिजीज सेण्टर में भेजा गया था। इसमें बुधवार को दो कौवो की रिपोर्ट में बर्ड फ्लू आने के बाद से हड़कंप मचा है। दोपहर बाद से पूरे ज़ू में कौओ के बैठने के स्थान पर उनकी बीट आदि की सैपलिंग गई है।